सीएम डॉ. सरमा ने धेमाजी से मिशन बसुंधरा 2.0 के तहत भूमि पट्टा वितरण की शुरुआत की

धेमाजी (असम), 22 फरवरी (हि.स.)। सामाजिक समानता के प्रति सरकार के संकल्प को पूरा करने की दिशा में साहसिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को धेमाजी जिले से मिशन बसुंधरा 2.0 के तहत भूमि पट्टों के वितरण की प्रक्रिया शुरू की।

मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने धेमाजी के कछारी फील्ड में आयोजित एक समारोह में मिशन बसुंधरा 2.0 के लाभार्थियों को व्यक्तिगत रूप से कुछ भूमि पट्टे सौंपे। मिशन बसुंधरा 2.0 के तहत, धेमाजी जिले में कुल 38 हजार आवेदक असम सरकार से भूमि पट्टा प्राप्त करने के लिए पात्र पाए गए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि वर्षों राज्य में रहने वाले स्वदेशी समुदायों के सदस्यों के पास प्राचीन काल से उनके कब्जे वाली भूमि के भूखंड पर कानूनी रूप से अपने कब्जे का दावा करने के लिए दस्तावेजी भूमि रिकॉर्ड नहीं थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विडंबना को महसूस करते हुए, राज्य सरकार ने भूमि अधिकार अधिनियम में संशोधन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके कारण सरकार ने भूमिहीन स्वदेशी लोगों को भूमि अधिकार प्रदान करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, मुझे धेमाजी जिले से मिशन बसुंधरा 2.0 के तहत भूमि पट्टों को वितरित करने की प्रक्रिया शुरू करने में खुशी हो रही है, क्योंकि इस प्रक्रिया से हमारे स्वदेशी भूमिहीन लोगों को अपनी भूमि के भूखंड पर आधिकारिक दस्तावेज रखने में सक्षम बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये भूमि पट्टे भूमि-धारकों को अपनी भूमि के स्वामित्व को रिकॉर्ड करने में सक्षम बनाएंगे और उन्हें संपार्श्विक के रूप में उपयोग करने के लिए सशक्त बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पट्टों का डिजिटल रूप लाभार्थियों को पट्टे खो जाने या गुम होने की स्थिति में डिजीलॉकर में उनका पता लगाने में सक्षम करेगा। उन्होंने कहा कि ये भूमि अधिकार लाभार्थियों को अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा कि धेमाजी से मिशन बसुंधरा 2.0 के तहत भूमि पट्टों के वितरण का शुभारंभ राज्य के लोगों के भूमि अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रकटीकरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि पट्टों का वितरण भी लोगों को सशक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से एक पहल है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 84 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अन्य पिछड़े समुदायों से हैं और इसलिए उन्हें भूमि का पट्टा देने से उनका सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी भूमि सुधार पहल के तहत राज्य में भूमि से जुड़े सभी अड़चनों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार भूमि सौदों में बिचौलियों के खतरे को खत्म करने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, सांसद प्रदान बरुवा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।

इस अवसर पर चाय जनजाति कल्याण मंत्री संजय किसन, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलीराम रोंगहांग, देउरी स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य भैरव देउरी, सोनोवाल कछारी स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य टंकेश्वर सोनोवाल, मिसिंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य परमानंद छायेंगिया और अन्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने धेमाजी जिले के जोनाई में आयोजित भूमि पट्टा वितरण समारोह में भाग लिया। मिशन बसुंधरा 2.0 के तहत धेमाजी जिले में 38,000 भूमि पट्टा वितरण में से, जोनाई एलएसी पर इस चरण में वितरित किए जा रहे लगभग 13,000 पट्टे हैं।

शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, सांसद प्रदान बरुआ, विधायक भुबन पेगू, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी तुलीराम रोंगहांग, बोडो कछारी कल्याण परिषद के मुख्य कार्यकारी मिहिनेश्वर बसुमतारी, प्रमुख समाजसेवी रूपा कमान सहित कई अन्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/प्रभात

   

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