राजस्थान में धर्मांतरण विदेशी साजिश, कांग्रेस सरकार ने कुछ नहीं किया : देवनानी

बाड़मेर, 25 फ़रवरी (हि.स.)। धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि यह धर्मांतरण नहीं बल्कि राष्ट्रांतरण है। यह गंभीर मामला है। चिंताजनक और पीड़ादायक है। देश विरोधी ताकतें भारत को कमजोर करना चाहती हैं। वसुंधरा सरकार में धर्मांतरण रोकने को लेकर कानून बनाया था लेकिन पिछली सरकार ने पांच साल तक इस कानून को अनदेखा किया।

विधानसभा अध्यक्ष रविवार को जयपुर से सांचौर जाने के लिए विशेष विमान से रवाना हुए। वे सुबह बाड़मेर से 15 किलोमीटर दूर उतरलाई एयरफोर्स स्टेशन उतरे। जहां से सड़क मार्ग से सांचौर जाने के दौरान बाड़मेर शहर के अंबेडकर सर्किल रुके। यहां विधायक प्रियंका चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष दिलीप पालीलाल, पूर्व जिलाध्य स्वरूप सिंह खारा, भाजपा नेता ललित बोथरा, चौहटन प्रधान रूपाराम सारण आदि ने विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष ने भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वे यहां बीस मिनट रुके और मीडिया से बात की। इसके बाद सांचौर जिलाध्यक्ष के बेटे के शादी समारोह में जाने के लिए रवाना हो गए।

धर्मांतरण पर एक सवाल के जवाब में स्पीकर देवनानी ने कहा कि वसुंधरा सरकार के दौरान बने कानून को लेकर पिछली गहलोत सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। ऐसे मामले विधानसभा में भी उठे। मैंने भी उठाया। लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, इससे आरोपियों को प्रोत्साहन मिलता रहा। वर्तमान सरकार से मेरा आग्रह है कि धर्मांतरण को लेकर कानून को संशोधित कर राजस्थान में कठोर कानून बनाएं। उन्होंने कहा कि लोगों को लालच देकर धर्मांतरण करने वाली ताकतें देश विरोधी हैं। इनके पीछे इंटरनेशनल और राष्ट्र विरोधी ताकतें भारत को कमजोर करना चाहती हैं। यह पहले से सक्रिय हैं। लेकिन अब केंद्र में सरकार मजबूत है। कई प्रांतों में डबल इंजन की सरकार है। काफी हद तक ऐसे मामलों में कमी आई है और रोक लगी है। राजस्थान में भी ऐसे मामलों में कमी आएगी। सीमावर्ती इलाके राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए ऐसे क्षेत्रों पर अधिक प्रहार किया जाता है। हमने इन्हें रोकने के लिए कार्रवाई की है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा धर्मांतरण जैसे मामलों को रोकने के लिए कठोर कानून के साथ-साथ स्वंयसेवी संस्थाओं को भी आगे आकर इनके खिलाफ माहौल बनाना होगा। धर्मांतरण करने के पीछे जो भी कारण हों, उन्हें समझकर उन पर काम करना होगा। बीते 10 साल में लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं। इससे भी धर्मांतरण के मामलों में कमी आएगी। स्कूलों को टारगेट करने के सवाल पर देवनानी बोले कि शिक्षामंत्री ने बहुत कुछ किया है। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ज्यादा समस्या नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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