उत्तरपाड़ा : अपने घर में मौत का इंतजार कर रहा था परिवार, प्रशासन ने बचाया

हुगली, 26 फरवरी (हि.स.)। 22 दिन पहले परिवार के मुखिया की मौत हो गई थी। परिवार के एकमात्र कमाने वाले की मौत के बाद पत्नी, बेटे और बेटी ने खुद को घर में बंद कर लिया। कई दिनों तक उन्हें न देखने पर रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। आख़िरकार, एक रिश्तेदार ने उनके फ़ोन पर संपर्क किया और पता चला कि वे तीनों मौत की का इंतजार कर रहे थे। खबर सुनकर नगर पालिका के पार्षद और प्रशासन के लोग उनके घर पहुंचे और अंत में घर का दरवाजा तोड़कर तीन लोगों को बचाया गया। घटना को लेकर उत्तरपाड़ा के राजेंद्र एवेन्यू इलाके में सोमवार को सनसनी रही।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी गगनबरन मुखर्जी की गत चार फरवरी को मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से मृतक की पत्नी श्यामली मुखर्जी, बेटा सौरव मुखर्जी और बेटी चुमकी मुखर्जी ने खुद को अपने घर में बंद कर लिया था। काफी कोशिशों के बावजूद पिछले कुछ दिनों से तीनों लोगों से कोई संपर्क नहीं हो सका था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना खाए-पिए वे धीरे-धीरे मौत के मुंह में जा रहे थे। सोमवार को स्थानीय पार्षद उत्पलादित्य चटर्जी, नगरपालिका चेयरमैन दिलीप यादव पुलिस के साथ उस घर गये। इसके बाद मुखर्जी परिवार के घर का दरवाजा तोड़कर तीनों लोगों को बचाया गया। फिलहाल तीन लोगों की शारीरिक स्थिति चिंताजनक है। उन्हें उत्तरपाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

परिवार के रिश्तेदार वैष्णव दास मुखर्जी ने कहा कि आखिरी बार मेरी उनसे चार फरवरी को बात हुई थी। गगन बाबू की मौत से परिवार के बाकी सदस्य दुखी थे। लेकिन यह समझ नहीं आ रहा है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक के बेटे और बेटी की उम्र 50 साल के आसपास है। दोनों सिंगल हैं। उनकी आमदनी ज्यादा नहीं है। गगन की मृत्यु के बाद, उन्हें उसकी पत्नी के लिए पेंशन पाने के लिए कुछ दिनों तक सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने पड़े। लेकिन उसके बाद परिवार के तीनों सदस्यों में से कोई भी घर से बाहर नहीं देखा गया। हिन्दुस्थान समाचार /धनंजय /गंगा

   

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