(बोड़गा मुठभेड़ फालोअप) : बच्चों को खाना खिला रही बुआ को जवानों ने मारी गोली : फगनू मरकाम

बीजापुर, 14 मार्च (हि.स.)। जिले के बोड़गा गांव में 12 मार्च को हुए नक्सली मुठभेड़ के बाद घायल महिला के भतीजे फगनू मरकाम ने जवानों पर आरोप लगाते हुए कहा कि घर में बच्चों को खाना खिला रही बुआ राजे ओयाम को जवानों ने गोली मारकर चले गए। घायल बुआ राजे ओयाम को 24 घंटे के बाद भैरमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे मेकॉज रिफर किया गया है। उन्होंने बताया कि मेकॉज पहुंचने के बाद घायल महिला राजे ओयाम को पुलिस निगरानी में रखा गया है, जिसके कारण किसी को भी मिलने नहीं दिया जा रहा है।

गुरुवार को मामले की जानकारी देते हुए फगनू मरकाम ने बताया कि जवानों के द्वारा पहले रेखावाई, उसके बाद बेड़मा और फिर बोड़गा गांव पहुंची, जहां पर पुलिस और नक्सलियों के बीच में गोलीबारी शुरू हो गई, जिसके बाद गांव में रहने वाले ग्रामीण डर के चलते घरों में दुबक कर बैठ गए। करीब आधा घंटे तक चले मुठभेड़ के दौरान बुआ राजे ओयाम अपने पति गुड्डो व तीन बच्चों के साथ घर में बच्चों को खाना खिला रही थी, तभी जवानों की एक टीम घर में घुसकर बुआ के पीठ व कमर में गोली मारकर वहां से चले गये। इससे पहले जवानों के द्वारा बोड़गा गांव के सोमा गुमटी एवं मनकू परसा को भी अपने साथ उठाकर ले गई, लेकिन शाम को उन दोनों को छोड़ दिया गया।

फगनू मरकाम ने बताया कि उसकी बुआ घायल राजे ओयाम को पीठ व कमर में गोली लगने व पुलिस डर के चलते उसे स्वास्थ्य केंद्र नहीं ले जाया गया, रात भर घर में देसी इलाज के माध्यम से उसका इलाज किया गया, इसके बाद 13 मार्च की सुबह महिला एम्बुलेंस के माध्यम से भैरमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रिफर किया गया।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण नक्सलियों के दबाव में अक्सर पुलिस/जवानों पर आरोप लगाते हैं, सही वस्तुस्थिति जांच के बाद ही सामने आ सकती है, इससे पहले एक पक्ष के बयान पर कोई भी अवधारणा बनाना अनुचित होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

   

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