घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में मदद करना सबकी जिम्मेवारी: प्रधान जिला जज

-मोटर वाहन दुर्घटना पर डालसा में एक दिवसीय कार्यशाला

खूंटी, 15 मार्च (हि.स.)। झालसा के निर्देश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष सत्य प्रकाश की अध्यक्षता में शुक्रवार को डालसा सभागार भवन में मोटर वाहन दुर्घटना अधिनियम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष सत्य प्रकाश ने कहा कि मोटर दुर्घटना के मामले अत्यंत गंभीर होते हैं। इसमें जिंदगी और मौत का सवाल होता है। यदि उसे गोल्डन आवर में उसे तुरंत मदन ना मिले, तो व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। इसलिए हम सबको अपनी जिम्मारी लेनी होगी और उसका निर्वहन करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी पीएलवी पीड़ित व्यक्ति को घटनास्थल से लेकर अस्पताल ले जाने और, प्रशासनिक मदद दिलाने के लिए द्वारा त्वरित कार्रवाई करें, ताकि लोगों का बहुमूल्य जीवन बचाया जा सके।

जिला जज प्रथम संजय कुमार ने कहा कि सही वक्त पर दवा और निशुल्क इलाज होना अति आवश्यक है। मोटर वाहन दुर्घटना में सभी पुलिस जांच अधिकारी को 30 दिनों के अंदर एआइआर जमा करना है और यह सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश है, जिससे सबको पालन करना है। मुआवजा तेजी से मिले, इसके लिए न्यायालय एमउसीटी हमेशा प्रतिबद्ध है।

डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर ने कहा कि सड़क दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में प्रशासन द्वारा चार लाख का मुआवजा दिया जाता है। सड़क दुर्घटना की स्थिति में घायल व्यक्ति को किसी भी निकटतम सरकारी अथवा निजी अस्पताल में ले जाया जा सकता है। कोई भी निजी अस्पताल घायल का इलाज करने से इनकार नहीं कर सकता। सभी अधिकारी कर्मचारी और पीएलवी को अपना दायित्व ईमानदारी से निभाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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