शासन के पास पहुंचा मुख्य अभियंता कुमाऊं का काला चिठ्ठा, हेराफेरी का आरोप

- 2005 में उत्तराखंड में संभाला कार्यभार, अब तक 24 करोड़ रुपये के खरीद चुके हैं जमीन

देहरादून, 16 मार्च (हि.स.)। सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता अनिल चंद्र बलूनी ने उत्तराखंड पेयजल निगम के मुख्य अभियंता कुमाऊं पर करोड़ों रुपये हेराफेरी का आरोप लगाया है और साक्ष्य के साथ उनका कालाचिठ्ठा भी खोला है। इसमें उनकी पत्नी और विभागीय ठेकेदार भी शामिल हैं। उन्होंने भ्रष्ट अधिकारी के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई के लिए उत्तराखंड पेयजल निगम देहरादून के सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी और विजिलेंस से नौ बिंदुओं पर शिकायत की है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल ने शनिवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में बताया कि उत्तराखंड पेयजल निगम के मुख्य अभियंता कुमाऊं सुजीत कुमार विकास और उनकी पत्नी रंजू कुमारी जो कुचुपुचु इंटरप्राइजेज नाम की पार्टनरशिप कंपनी में साझीदार हैं, उन्होंने करोड़ों रुपये हेराफेरी की है। उनका कहना है कि सुजीत 2005 में उत्तराखंड आए थे और अब तक 24 करोड़ रुपये के जमीन खरीद चुके हैं। यही नहीं, करोड़ों रुपये के टेंडर लेने का भी आरोप लगाया। उन्होंने मुख्य अभियंता सुजीत, उनकी पत्नी रंजू की कुचुपुचु इंटरप्राइजेज व विभागीय ठेकेदार की मिलीभीगत से टेंडरों में विभाग को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने और कर्मचारी आचरण नियमावली का खुला उल्लंघन करने के सभी साक्ष्य पेश किए।

पूर्व में हो चुके हैं निष्कासित, आय से अधिक संपत्ति मामले में 2019 में विजिलेंस ने मारा था छापा-

सामाजिक कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्य अभियंता सुजीत अपनी विभागीय सेवा के इतिहास में पूर्व में भी भ्रष्टाचार के चलते विभाग से निष्कासित किए जा चुके हैं। इनके आवास पर विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति मामले में वर्ष 2019 में छापा मारा था। इसमें कई अवैध जमीन के कागजात और सोना भी बरामद हुए थे। उच्चस्थ पद पर आसीन ऐसे भ्रष्ट अधिकारी की जांच कराने की मांग की। साथ ही जांच पूरी होने तक उक्त अधिकारी को पदमुक्त कर किसी स्वतंत्र वाह्य जांच एजेंसी से ही जांच कराए जाने की मांग की।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

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