1990 से 2005 तक पंचायती राज एवं नगर निकाय में अति पिछड़ा आरक्षण को किसने लटकाया: उमेश कुशवाहा

पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने किया सवाल

पटना, 17 मार्च (हि.स.)। पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के बयान पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पलटवार किया है। उन्होंने रविवार को बयान जारी कर तेजस्वी यादव से पूछा कि 75 फीसदी आरक्षण का श्रेय लेने से पहले तेजस्वी यादव को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके माता-पिता के 15 साल के शासनकाल में इस 75 फीसदी आरक्षण को क्यों नहीं लागू किया गया था?

कुशवाहा ने पूछा कि वर्ष 1990 से 2005 तक बिहार में राजद की सरकार थी लेकिन इन 15 वर्षों में अति पिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? आखिर क्यों अति पिछड़ा समाज को राजनीतिक रूप से अछूत रखा गया?

उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज एवं नगर निकायों में 50 फीसदी आरक्षण देकर आधी आबादी को पूरा अधिकार देने का काम किया। आज राज्य सरकार की सभी सरकारी नौकरियों में बिहार की बहन-बेटियों को 35 फीसदी का आरक्षण दिया जा रहा है। यह सब कुछ नीतीश सरकार के 18 वर्षों के शासनकाल में संभव हुआ जबकि राजद के शासनकाल में सिर्फ लालू परिवार की महिलाओं और बेटे-बेटियों को आरक्षण की सुविधा दी गई और उन्हें राजनीति में सेट करने का पूरा प्रयास किया गया।

कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव आज विशेष राज्य के दर्जे की बात करते हैं लेकिन वे यह बताना भूल जाते हैं कि यूपीए की सरकार में उनके पिता लालू प्रसाद यादव कद्दावर मंत्री की भूमिका में थे तब उनकी ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए क्या प्रयास किये गए थे? इस सवाल का जवाब भी बिहार की 14 करोड़ जनता जानने के लिए उत्सुक है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ज्ञान के अभाव में तथ्यहीन और आधारहीन बयान दे रहे हैं लेकिन उनके इस भ्रामक बयानबाजी से बिहार की जनता पर कोई असर नहीं होगा और आगामी लोकसभा चुनाव में पुनः राजद शून्य पर सिमटेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंदा/चंद्र प्रकाश

   

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