भावनाओं को व्यक्त करने का सबसे अच्छा माध्यम है कविता: लोकभूषण पन्ना लाल असर

पुस्तक मेले में बोलते हुए अतिथिपुस्तक मेले में बोलते हुए अतिथिपुस्तक मेले में बोलते हुए अतिथि

- राष्ट्रीय पुस्तक मेला में काव्य रचना पर हुआ सत्र

झांसी,18 मार्च (हि.स.)। ‘कविता भावनाओं को व्यक्त करने का सबसे अच्छा माध्यम है’ यह बात लोकभूषण पन्नालाल ‘असर’ ने अपने संबोधन में कही। वह बुंदेलखन्ड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पुस्तक मेला और अखिल भारतीय लेखक शिविर के मुद्दों पर चर्चा सत्र को संबोधित कर रहे थे।

बुन्देली काव्य और स्त्री विमर्श पर चर्चा के दौरान पन्नालाल ने कहा कि कविता लिखना एक कला है। कविता लेखन के विभिन्न पहलुओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि युवा अपनी बातों को कविताओं के माध्यम से रखने का प्रयास करें। उन्होंने ईसुरी जैसे कवियों का उदाहरण देकर अपनी बात को समझाया।

विद्यापीठ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सुधा रिछारिया ने कहा कि महिलाओं को हमेशा देना चाहिए। स्त्रियों के विभिन्न पहलुओं को साहित्य और कविता के माध्यम से समाज के सामने रखा गया है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि जहां नारी का अपमान हो वहां अवश्य आवाज उठाएं।

डॉ. महेंद्र कुमार जैन ने कहा कि बुंदेली साहित्य और काव्य का इतिहास बहुत समृद्ध है. युवाओं को इस पढ़ना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बिपिन प्रसाद ने कहा कि बुंदेलखंड की साहित्य और संस्कृति बहुत समृद्ध है। युवाओं को इसको पढ़ना चाहिए। कविता लेखन में भी रोजगार की संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में भी युवा नाम कमा सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रेमलता श्रीवास्तव ने किया। अतिथियों का स्वागत प्रो. मुन्ना तिवारी और आभार डॉ. अचला पांडेय ने दिया।

इस अवसर पर डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी, प्रो. राकेश पांडेय, नवीन चंद्र पटेल, डॉ. पुनीत श्रीवास्तव, डॉ. सुनीता वर्मा, डॉ. सुधा दीक्षित, द्युती मालिनी, डॉ. शैलेंद्र तिवारी, अकांक्षा सिंह, अजय शंकर तिवारी, मनीष, विशाल समेत अनेक शिक्षक एवं छात्र:छात्राएं मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित

   

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