होली स्पेशल: अरारोट के चूर्ण से बनाया जा रहा है रंग- बिरंगे गुलाल

Holi Special: Colorful gulal is being made from arrowroot powder.Holi Special: Colorful gulal is being made from arrowroot powder.

जयपुर, 20 मार्च (हि.स.)। चौबीस और पच्चीस मार्च को होली का त्योहार बडी धूम-धाम से मनाया जाएगा। होली आने के कुछ दिनों पहले ही रंगों के बाजार सजने लग गए। लोगों की होली खेलने के लिए पहली पसंद गुलाल होती है। अभी बाजार में लाल, हरा, गुलाबी, पीला, जामुनी और अन्स कई रंगों में गुलाल मिल रहा है। लोग कलर की बजाए गुलाल होली खेलना पसंद कर रही है और इन दिनों जयपुर शहर में गुलाल की खपत काफी मात्रा में हो रही है। जिसे देख गुलाल बनाने वाले व्यापारियों की उम्मीद है कि इस बार भी इस होली पर करोड़ों रुपये का व्यापार होगा।

फैक्ट्री कर्मचारी अरविंद सैनी ने बताया कि गुलाल बनाने के लिए पहले अरारोट के चूर्ण में रंग मिलाया जाता है। कुछ समय बाद इसमें सेंट का प्रयोग किया जाता है। स्ट्रॉस गुलाल यानी अरारोट के चूर्ण से बना गुलाल बहुत ही मुलायम होता है। सफेद रंग के अरारोट के चूर्ण में रंग मिलाकर उसे मशीनों से पीसा जाता है। पीसने से पाउडर में रंग मिल जाता है और उसकी कोमलता भी बढ़ जाती है। पुराने समय में सभी काम हाथों से होता था। आज भी कुछ दुकानें है जहां पर कारीगर आज भी हाथों से गुलाल बनाते है। बदलते दौर में गुलाल बनाने में मशीनों का उपयोग किया जाता है। अरारोट के पाउडर में रंग डालकर मशीन में डालकर गुलाल बनाया जाता है ताकि रंग पाउडर में मिल जाए। इस दौरान पाउडर गीला हो जाता है जिसके बाद उसे सुखाया जाता है। इसके बाद इसे फिर से मशीन में डालकर पीस लिया जाता है, जिससे गुलाल नरम रहता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

   

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