नाबालिग से बलात्कार के मामले में अदालत ने आरोपी को 8 साल की जेल की सजा सुनाई

नाबालिग से बलात्कार के मामले में अदालत ने आरोपी को 8 साल की जेल की सजा सुनाई
20000 रुपये का जुर्माना लगाया
श्रीनगर
एक फास्ट ट्रैक अदालत ने बुधवार को श्रीनगर के हब्बा कदल इलाके में 15 वर्षीय लडक़ी के अपहरण और बलात्कार के मामले में बिहार के निवासी को आठ साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 20000 रुपये का जुर्माना लगाया। द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने बलात्कार के मामलों से संबंधित फास्ट ट्रैक कोर्ट रेनू डोगरा गुप्ता ने भी दोषी संतोष कुमार पासवान पुत्र सईदर पासवान निवासी लालपोरा भीम नगर बिहार को पुलिस स्टेशन की 2016 की एफआईआर संख्या 32 के मामले में सजा सुनाई। अदालत ने आदेश दिया कि ये दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी साथ ही यह भी आदेश दिया कि गुजारी गई अवधि को पासवान को दी गई कुल सजा से अलग कर दिया जाएगा। चार दिन पहले कोर्ट ने पासवान को दोषी करार दिया था। मामले में अभियोजन का प्रतिनिधित्व एपीपी फारूक मलिक ने किया। पुलिस ने 2016 में नाबालिग लडक़ी के अपहरण और बलात्कार के संबंध में पासवान के खिलाफ  आरोप पत्र दायर किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार 1 सितंबर 2016 को लडक़ी के पिता द्वारा पुलिस स्टेशन क्रालखुद की पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। कि उसके घर में संतोष कुमार पासवान नाम का एक व्यक्ति राजमिस्त्री का काम करता था और वह अपने घर पर काम खत्म करने के बाद अक्सर उसके घर आता था। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसकी बेटी अपने घर से लापता है और उसे पूरा संदेह है कि उसे बहला.फुसलाकर ले जाया गया है। अभियोजन पक्ष ने कहा कि तलाशी के दौरान लडक़ी और अपहरणकर्ता को हुमहामा के पास मोटरसाइकिल पर सवार होकर हवाई अड्डे की ओर संदिग्ध हालत में जाते हुए पाया गया। अभियोजन पक्ष ने कहा इसके बाद उन्हें पकड़ लिया गया और पुलिस चौकी हुमहामा लाया गया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि मोटरसाइकिल आरोपी और अभियोजन पक्ष के श्रीनगर से दिल्ली तक के हवाई टिकट जब्त कर लिए गए। अभियोक्त्री लडक़ी का चिकित्सीय परीक्षण एक डॉक्टर द्वारा किया गया जिसने बताया कि अभियोक्त्री के गर्भ में लगभग 10 सप्ताह 6 दिन का भ्रूण मौजूद है। दरअसल अभियोजन पक्ष ने कहा आरोपी उसके घर जाता था और पीड़िता के नाबालिग होने और अपरिपक्वता का फायदा उठाकर अपहरणकर्ता ने लडक़ी के साथ अवैध संबंध स्थापित कर लिए थे।

   

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