सामान्य गरीबी मापन के साथ-साथ बहुआयामी गरीबी को भी महत्व देने की जरूरत:प्रो0 अमिताभ

वाराणसी,22 मार्च (हि.स.)। एलजे विश्वविद्यालय अहमदाबाद के एमेरिटस प्रोफेसर अमिताभ कुंडू ने कहा कि भारत के विकास पथ और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह के बावजूद, यह विशाल जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति आय रैंकिंग में पीछे है।

एनएफएचएस और बहुआयामी गरीबी रिपोर्टों के परस्पर विरोधी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने अत्यधिक गरीबी को खत्म करने और गरीबी को पांच फीसद तक कम करने के भारत के दावे के आंकड़ों के एक महत्वपूर्ण विश्लेषण को भी बताया।

प्रो.अमिताभ कुंडू शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अर्थशास्त्र विभाग में आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने सामान्य गरीबी मापन के साथ-साथ बहुआयामी गरीबी को भी महत्व दिया। और कहा कि केवल उपभोग के आधार पर गरीबी मापना सही नहीं है। घरेलू उपभोग व्यय पर इकाई-स्तरीय डेटा का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि पिछले दशक में, डेटा संग्रह प्रक्रिया में बदलाव के कारण ग्रामीण और शहरी घरेलू उपभोग व्यय में वृद्धि हुई है। हालाँकि, उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उपभोग व्यय में असमानता कम होने जैसे सकारात्मक रुझानों को स्वीकार किया और जोर देकर कहा कि गैर-अनाज खपत की बढ़ती हिस्सेदारी सुधार का संकेत है। सेमिनार में भारतीय विकास अध्ययन कोलकाता के प्रोफेसर अचिन चक्रवर्ती ने भी डेटा संग्रह पद्धतियों की जांच के महत्व पर जोर दिया।

सेमिनार में विभागाध्यक्ष प्रो.मृत्युंजय मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया। प्रोफेसर मिश्रा ने राष्ट्रीय विकास को आकार देने में अर्थशास्त्र विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए महामना के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। डॉ. प्रियब्रत साहू (संगोष्ठी संयोजक) ने समसामयिक विमर्श में इसकी प्रासंगिकता को बताया। अतिथि प्रोफेसर डी.एस. पांडेय ने राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने में रसायन विज्ञान और अर्थशास्त्र जैसे विषयों के बीच सहजीवी संबंध पर जोर दिया।

सेमिनार के मुख्य अतिथि, सामाजिक विज्ञान संकाय, बीएचयू के डीन, प्रोफेसर बिंदा परांजपे ने गरीबी और सीमांतता के बहुआयामी पहलुओं को संबोधित करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में कुल 06 तकनीकी सत्र में 35 शोध पत्र पढ़े गए। सेमिनार का समापन डॉ. मनोकामना राम (संगोष्ठी सह-संयोजक) के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। सेमिनार में आईजीआईडीआर, मुंबई से प्रोफेसर श्रीजीत मिश्रा, अर्थशास्त्र विभाग (बीएचयू) के प्रोफेसर ए.के. गौड़, प्रोफेसर बी.वी. सिंह, प्रोफेसर एन.के. मिश्रा (परीक्षा नियंत्रक बीएचयू ), प्रोफेसर राकेश रमन आदि की भी मौजूदगी रही।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

   

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