मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी विपक्ष के नेताओं को डराने और भारतीय लोकतंत्र की हत्या है - अधिवक्ता अप्पू सिंह

कठुआ 23 मार्च (हि.स.)। दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी देशभरा में विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी जम्मू कश्मीर की प्रदेश प्रवक्ता अधिवक्ता अप्पू सिंह ने एक मीडिया बयान में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी विपक्ष के राजनीतिक नेताओं को डराने और भारतीय लोकतंत्र की हत्या बताया है।

अपने बयान में अप्पू सिंह ने बताया कि सत्ताधारी भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा भारतीय लोकतंत्र का गला घोंटकर उसकी हत्या की जा रही है। भारत में महज 161 विधायकों और 11 सांसदों वाली एक छोटी सी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी ने केंद्र की बीजेपी सरकार के लिए हंगामा खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब 21 मार्च 2024 को माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब ईडी को 22 अप्रैल को देना था, तो चिंता किस बात की थी और जब मामला अदालत में विचाराधीन था तो एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने को लेकर भाजपा की बेचैनी क्या थी। सिंह ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करना आचार संहिता के खिलाफ है और भारत के चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए। ईसीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगामी लोकसभा चुनावों में आप को समान अवसर दिया जाए।

अप्पू सिंह कहा कि कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में जिसमें केजरीवाल को किंगपिन नामित किया गया है, जांच एजेंसियां पिछले दो वर्षों से दिन-रात कड़ी मेहनत करने के बाद भी वसूली का एक पैसा भी नहीं दिखा पाई हैं। इसके अलावा अपराध की कोई आय नहीं है और पूरा मामला गवाहों और सह-अभियुक्तों पर आधारित एक मनगढ़ंत कहानी है जिन्हें दबाव में सरकारी गवाह बनाया गया है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के गवाह पी सरथ रेड्डी और राघव मगुंटा ने शुरू में अपने बयानों में अरविंद केजरीवाल के नाम का उल्लेख नहीं किया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

उन्होंने कहा कि बाद में उन्होंने चुनावी बांड खरीदे और भाजपा में निवेश किया जिसके कारण उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया और उन पर सरकारी गवाह बनने और अरविंद केजरीवाल का नाम उद्धृत करने का दबाव डाला गया। यह अब कोई छिपी हुई कहानी नहीं है कि दिल्ली शराब नीति मामले में सरकारी गवाह बने कारोबारी की कंपनी ने गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद भाजपा को 5 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। माननीय ट्रायल कोर्ट इस तथ्य से अच्छी तरह से अवगत था कि एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए रिमांड मामले में कोई योग्यता नहीं है इसलिए रिमांड को 6 दिनों तक सीमित कर दिया गया, जहां अधिकारी 10 दिनों की मांग कर रहे थे। इसके अलावा पूरा देश इस तथ्य से अच्छी तरह परिचित है कि ईडी और सीबीआई सत्तारूढ़ सरकार की कठपुतली के अलावा कुछ नहीं हैं जो किंगमेकर के इशारों पर नाचती हैं। जांच एजेंसियां चाहतीं तो लोकसभा चुनाव से पहले ही सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती थीं लेकिन उत्पाद शुल्क घोटाले का हास्यास्पद तर्क आने वाले लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के लिए बाधाएं पैदा करने के अलावा और कुछ नहीं है। अप्पू सिंह ने कहा कि इस देश की न्यायपालिका पर बहुत भरोसा है और उन्हें उम्मीद है कि अदालतें योग्यता के आधार पर जल्द ही अरविंद केजरीवाल की रिहाई का मार्ग प्रशस्त करेंगी। जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी का कैडर इस कठिन समय में केजरीवाल के साथ एकजुटता से खड़ा है और आम आदमी की आवाज उठाना जारी रखेगा।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान

   

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