कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अमरजीत भगत पर ट्रांसफर पोस्टिंग में 12 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप

रायपुर, 23 मार्च (हि.स.)। आयकर विभाग की जांच शाखा ने राज्य आर्थिक अपराध जांच एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भेजी गई रिपोर्ट में कहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अमरजीत भगत ने विभिन्न लाभों के बदले में वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक डीएमएफ अनुबंधों, ट्रांसफर पोस्टिंग से 12 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत ली है। अमरजीत भगत ने कहा है कि यह आरोप मेरी छवि खराब करने की नाकाम कोशिश है।मैं सारे आरोपों को सिरे से खारिज करता हूं।

आयकर उप निदेशक कार्यालय की ओर से तैयार 24-पृष्ठ की रिपोर्ट 27 फरवरी को रायपुर में डीडीआईटी (जांच) द्वारा आयकर विभाग के प्रधान निदेशक, पीडीआईटी (जांच) को सौंपी गई है।इसमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पत्नी, उनके बेटे और अन्य करीबी सहयोगियों के नाम हैं।आयकर विभाग का दावा है कि यह निष्कर्ष 31 जनवरी को पूर्व मंत्री और करीबियों पर डाले गए छापों की 4-दिन तक चली तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान सामने आए। इसमें जब्त किए गए साक्ष्य और दर्ज किए गए बयानों के माध्यम से इस कार्यप्रणाली की पुष्टि हुई है ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में योजना, खाद्य और संस्कृति मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे अमरजीत भगत अलग-अलग व्यक्तियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले कमीशन लेते थे।इन अनुचित पक्षपातों में अनुबंध देने में अनुकूल व्यवहार प्रदान करना, अधिकारियों के स्थानांतरण आदि शामिल थे। ये रिश्वत या तो सीधे मंत्री या उनके बेटे आदित्य भगत, सुरेश कुमार यादव, हरपाल सिंह अरोड़ा (राजू अरोड़ा) और राजेश वर्मा लेते रहे।

रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन खाद्य मंत्री भगत वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 1,15,26,666 रुपये की नकदी एकत्र करने के अपराध-सिद्ध साक्ष्य मेसर्स केके एग्रो ट्रेड वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (खाद्य कार्टेल समूह का हिस्सा) पर 14 दिसंबर, 2023 को की गई तलाशी और जब्ती कार्रवाई के दौरान पाए गए।इस रिपोर्ट की एक प्रति संलग्नकों सहित प्राप्त की है, जिसमें भगत से जुड़े अन्य व्यक्तियों/संस्थाओं के प्रदर्शन और बयान शामिल हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से भगत के दो निजी सहायक (पीए) सुरेश कुमार यादव और राजेश वर्मा तथा उनके विशेष कार्य अधिकारी ओएसडी अतुल शेटे, हरपाल सिंह अरोड़ा, राजू अग्रवाल और कई अन्य लोगों की मिलीभगत से अवैध धन अर्जित करने में उनकी संलिप्तता का उल्लेख है।इसके अलावा अमरजीत भगत ने रायपुर निवासी एक फ्रंंटमैन हरपाल सिंह अरोड़ा के माध्यम से अवैध धन को रियल एस्टेट व्यवसाय में निवेश किया गया है।

इस रिपोर्ट को लेकर अमरजीत भगत ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा है कि मेरी छवि खराब करने तरह तरह के मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं। भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। मैंने शुरू से ही साफ सुथरी राजनीति की है। मैं किसान, आदिवासी पृष्ठभूमि से आता हूं और ये आरोप मेरी छवि खराब करने की नाकाम कोशिश है। सारे आरोपों को सिरे से खारिज करता हूं।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

   

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