गायत्री शक्तिपीठ में परिष्कार सत्र का आयोजन

सहरसा-गायत्री शक्तिपीठ

सहरसा,24 मार्च (हि.स.)। गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डाॅ. अरुण कुमार जायसवाल ने कहा कि कारण शरीर में परमेश्वर की स्थापना किस प्रकार होगी।इस विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारा तीन शरीर होता है।स्थूल, सूक्ष्म और कारण।स्थूल दृश्यमान होता है पर सूक्ष्म और कारण दिखाई नहीं देता पर होता है।स्थूल शरीर हमारा भौतिक शरीर है, जिससे हम काम करते हैं,मेहनत करते हैं।सूक्ष्म शरीर हमारा विचार शरीर है उसमें विचार, निर्णय, विश्लेषण,ज्ञान होता है।

कारण शरीर हमारा भाव शरीर है।कारण शरीर में भाव,श्रद्धा ,विश्वास, भक्ति,एहसास होता है।अगर हम भगवान की भक्ति करते हैं,भगवान को अपने हृदय में बिठाते हैं तो कारण शरीर में भगवान की प्रतिष्ठा हो गई।हम भगवान के वारे में तर्क वितर्क और कुतर्क करते हैं।वही व्याख्या करते हैं किन्तु भगवान को हम अपनी भावनाओं में केन्द्रीय स्थान नहीं दिया और भगवान हमारे जीवन के मुख्यतत्व हो जाते हैं।हमारे भावनाओं में केन्द्र बन जाते हैं तो भगवान का एहसास भी प्रबल हो जाता है और उनकी सहायता भी मिलती है।यानी जीवन में भगवान प्रतिष्ठित हो गए।

उपनिषद में भी परमात्मा के भावनात्मक स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा गया है रसोवस: यानी भगवान रसमय है।हमारे जीवन में जो रस है उसका मूल स्वरूप परमात्मा है।परमात्मा केवल तर्क और विचार का विषय नहीं है,जीवन में अनुभूति का विषय है।

इस अवसर पर किशोर कुमार-सी जी एम समस्तीपुर, प्रियंवदा एक्स्क्युटिव ईन्जीनियर पटना,दिलीप कुमार-अवकाश प्राप्त जिला अभियोजन-गया, कुंती देवी-गृहणी उपस्थित थे।इन सभी ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा इस सत्र की अनुभूति सुखद रहा।संध्याकालीन 4 बजे से होली मिलन समारोह कार्यक्रम है। जिसमें नृत्य,संगीत एवं भगवान नरसिंह का विशिष्ट पूजन होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

   

सम्बंधित खबर