होली पर किया गया मंत्र जप कई गुना फलदायक

योग वेदांत समिति द्वारा लखनपुर चक गोटा आसाराम आश्रम में होली पर्व को लेकर एक दिवसीय सत्संग का आयोजन किया गया जिसमें परम पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू के शिष्य और आश्रम के संचालक कन्हैया भाई द्वारा सत्संग कर गुरु भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। सत्संग का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े थे। कन्हैया भाई ने सत्संग में उपस्थित संगत को बताया कि ऐसे आयोजन में शामिल होने का मौका भाग्यशाली लोगों को मिलता है क्योंकि सत्संग एक ऐसा माध्यम है, जहां भगवान व गुरु के दर्शन सरल होते हैं। वास्तव में भगवान व गुरु को पाने का सबसे आसान रास्ता सत्संग है इसलिए सत्संग जैसा मौका कभी हाथ से न जाने दे,जहां कहीं भी ऐसे आयोजन हों। जरूर समय निकाल कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराये। सत्संग सुनने से व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है और वह भगवान व गुरू का प्रिय भक्त बन जाता है। कन्हैया भाई ने भक्तों को सदैव भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। होली के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पलाश के फूलों से बने रंग का हमारे स्वास्थ्य पर अद्भुत प्रभाव पड़ता है। यदि इस रंग में रँगा हुआ कपड़ा भिगोकर शरीर पर डाल लिया जाय तो वह रंग शरीर के रोमकूपों द्वारा आंतरिक स्नायुमंडल पर अपना प्रभाव डालता है। यह संक्रामक रोगों से रक्षा करता है। पलाश के फूलों का रंग कफ, पित्त, कुष्ठ, दाह, मूत्र कृच्छ, वायु तथा रक्तदोष का नाश करता है। होली की रात्रि इस मार्ग पर बढऩे का एक सुनहरा अवसर है। वर्ष की चार महारात्रियों में से एक होली की रात्रि को किये गये शुभ कर्म, साधन-भजन, जप, ध्यान कई गुना अधिक प्रभावशाली होते हैं। इसके बाद आश्रम में होली खेली गई।

   

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