कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ

घगवाल। स्टेट समाचार
उपजिला घगवाल के गांब सनूरा में स्थित स्नेरकी तलाई माता मंदिरों के परिसर में बीरबार को भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कलश यात्रा कथा वाचक परम पूज्य  गायत्री देवी जी के नेतृत्व में मंदिर परिसर से शुरू हुई जो राजपुरा चौक, से होते हुए ऐतिहासिक तीर्थ स्थल गंगा मैया तरेली सरोवर से कलश भरकर कथा स्थल पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु पीत वस्त्र पहन कर व सिर पर कलश धारण कर शामिल हुई। पवित्र जलस्त्रोत से कलश को भर कर लाने के बाद कथा आयोजन स्थल पर धार्मिक विधि एवं मंत्रोच्चरण के साथ स्थापित किया गया। आरती के साथ शुरू किए गए श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक गायत्री देवी जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम इसकी महिमा से अवगत कराया। कथावाचक परम पूज्य गायत्री देवी जी ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा विश्व में सभी कथाओं में ये श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है, वो तीर्थ स्थल कहलाता है। इसके सुनने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियां को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई दूसरा अन्य भी इसे गलती से भी श्रवण कर लेता है, तो भी वो कई पापों से मुक्ति पा लेता है, इसलिए सात दिन तक चलने वाली इस पवित्र कथा को श्रवण करके अपने जीवन को सुधारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। अगर कोई सात दिन तक किसी व्यवस्तता के कारण नहीं सुन सकता है, तो वह दो तीन या चार दिन ही इसे सुनने के लिए अपना समय अवश्य निकालें। तब भी वो इसका फल प्राप्त करता है, क्योंकि ये कथा भगवान श्री कृष्ण के मुख की वाणी है, जिसमें उनके अवतार से लेकर कंस वध का प्रसंग का उल्लेख होने के साथ साथ इसकी व्यक्ति के जीवन में महत्ता के बारे में भी बताया गया है। 

   

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