भोपालः असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत हुआ चिकित्सकों का प्रशिक्षण

- एनसीडी पोर्टल पर किया उन्मुखीकरण

भोपाल, 28 मार्च (हि.स.)। असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गुरुवार को चिकित्सकों का प्रशिक्षण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं कैंसर रोगों की स्क्रीनिंग, ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल एवं एनसीडी पोर्टल में मरीजों की डाटा प्रविष्टि की जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण में एम्स के विषय विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि असंचारी रोगों जैसे कैंसर, डायबिटीज, क्रॉनिक लंग डिजीज, हृदय एवं स्ट्रोक जैसी बीमारियों के कारण 60% मृत्यु होती है। बीमारियों के लक्षणों की शीघ्र पहचान करके, नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य संस्था में जांच करवाकर एवं सही उपचार लेकर इन बीमारियों एवं इससे होने वाली गंभीरता को कम किया जा सकता है।

विशेषज्ञों ने बताया कि महिलाओं में कैंसर का सबसे सामान्य रूप स्तन कैंसर होता है। इसके लक्षणों की पहचान के लिए महिलाओं को अपने स्तनों की जांच स्वयं करनी चाहिए। स्तनों के आकार में बदलाव, गांठ, स्तन के आगे के भाग या उसके आसपास लाल चकत्ते, स्तन या कांख में निरंतर दर्द होना, स्तनों की त्वचा पर झुर्रियां दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य संस्था में परामर्श लेना आवश्यक है। सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं में होने वाले कैंसर में दूसरा सबसे आम कैंसर हैं। ये कैंसर भारत में कैंसर की वजह से होने वाली मौतों का बड़ा कारण है। यह कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है। लगभग 80% यौन सक्रिय लोग अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार एचपीवी संक्रमण के संपर्क में आते हैं, लेकिन सिर्फ एक प्रतिशत से भी कम लोगों में यह कैंसर का रूप ले पाता है। जब यह वायरस शरीर में बहुत लंबे समय तक रहता है और अपने आप नष्ट नहीं होता है, तो कैंसर का कारण बन जाता है।

सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती अवस्था में महिलाओं में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। शुरुआती अवस्था में सर्वाइकल कैंसर का पता लगने पर इसका उपचार आसान रहता है। विजुअल इंस्पेक्शन विद एसिटिक एसिड (वीआईए) जांच से असामान्य कोशिकाओं का पता लगाया जाता है। सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग 5 साल में एक बार करवाई जानी चाहिए। गर्भाशय कैंसर का खतरा 40 की उम्र के बाद अधिक होता है । छोटी उम्र में विवाह, मेनोपॉज के बाद रक्तस्राव, प्रसव के दौरान गर्भाशय में किसी प्रकार का घाव होना और घाव के ठीक होने के पहले पुनः गर्भधारण होने पर सर्वाइकल या गर्भाशय कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं। जैसे स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर , मुंह या गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, ब्रेन कैंसर। धूम्रपान, तंबाकू चबाना, मोटापा, शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना, शराब का उपयोग करने से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि रक्तचाप एवं मधुमेह गंभीर बीमारियां हैं। यह बीमारियां साइलेंट किलर की तरह काम करती है। इसीलिए लोगों को नियमित रूप से मधुमेह एवं रक्तचाप की जांच करवानी आवश्यक है। असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मुख कैंसर, स्तन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर की जांच, परामर्श एवं उपचार की सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध है। शासन द्वारा जिला चिकित्सालय से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक इन बीमारियों की जांच एवं उपचार की सुविधा सुनिश्चित की गई है। एन.सी.डी. कार्यक्रम के अंतर्गत 30 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति की हाइपरटेंशन की जांच की जाती है। इसके साथ ही भोपाल जिले में संचालित आई.एच.सी.आई. कार्यक्रम के अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की उच्च रक्तचाप की जांच की जा रही है। जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में जांच एवं उपचार की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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