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गुवाहाटी, 31 मार्च (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने तिवा सांस्कृतिक विरासत को आगे ले जाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है। मुख्यमंत्री ने आज मोरीगांव में तिवा महोत्सव में भाग लेने के दौरान तिवा लोगों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के महत्व की चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने असम की विविध भाषाई और सांस्कृतिक विरासत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस महोत्सव का हिस्सा बनकर वे खुश, उत्साहित और आभारी हैं। यह तिवा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच के रूप में कार्य करता है।
असम का प्रतिनिधित्व करने में तिवा जनजाति के सांस्कृतिक महत्व को उन्होंने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि तिवा भाषा और संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने तिवा भाषा को स्कूलों में एक अनिवार्य विषय बनाने की अपनी योजना की इस दौरान घोषणा की, जिससे छात्र तिवा भाषा में परीक्षा दे सकें।
मुख्यमंत्री ने मिशन बसुंधरा 2.0 के जरिए तिवा समुदाय के लोगों को भूमि का पट्टा दिये जाने की चर्चा करते हुए मिशन बसुंधरा 3 के तहत शेष बचे लोगों को भूमि का पट्टा देने का वादा किया।
मुख्यमंत्री ने छात्रों से तिवा लोगों की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में तिवा भाषा सीखने को कहा। उसका सम्मान करने का आग्रह करते हुए कहा कि तिवा संस्कृति को सशक्त बनाने और संरक्षित करने का प्रयास करते हुए इसे कमजोर करने संबंधी प्रयासों का विरोध करना जरूरी है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीप्रकाश/अरविंद