भारत के भविष्य के जागरण से जुड़ा है भूमि सुपोषण कार्य : डॉ. चिन्मय

-नवरात्र के प्रथम दिन से राष्ट्रीय भूमि सुपोषण कार्य का शुभारंभ

हरिद्वार, 04 अप्रैल (हि.स.)। मनुष्य को स्वस्थ रहना जितना आवश्यक है, उतना ही भूमि का सुपोषण होना। भूमि उर्वर रहेगी, तो मनुष्य सहित अन्य जीव जन्तुओं के जीवन की कल्पना की जा सकती है। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के मार्गदर्शन में अखिल विश्व गायत्री परिवार देश भर के प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर भूमि सुपोषण अभियान का चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन एक विशेष अभियान का शुभारंभ कर रहा है।

अभियान के अंतर्गत भूमि पूजन, भूमि सुपोषण करने वाले का सम्मान, भूमि सुपोषण प्रयोगों के प्रशिक्षण, संगोष्ठी, कार्यशालायें, जागरूकता शिविर, प्रदर्शनी आदि आयोजित की जायेंगी। नगरीय क्षेत्रों में जैविक-अजैविक अपशिष्ट को अलग रखना, जैविक अपशिष्ट से खाद बनाना आदि गतिविधियों के लिए जागरण कार्यक्रम चलाये जायेंगे।

शांतिकुंज के मार्गदर्शन में ग्राम तीर्थ योजना, वृक्ष गंगा अभियान, जैविक खेती, भागीरथी जलाभिषेक अभियान, गोपालन गोबर आधारित उत्पादों का उत्पादन, वैकल्पिक ऊर्जा (गोबर गैस) का उत्पादन एवं उपयोग, कचरा प्रबंधन आदि का सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा।

अपने वीडियो संदेश में देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि नवसंवत्सर से प्रारंभ होने वाला भूमि सुपोषण कार्य भारत के भविष्य जागरण से जुड़ा हुआ है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि चैत्रमासे जगद्ब्रह्मा ससर्ज पृथमेहनि कहकर भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया और चैत्र मास के प्रथम दिन को निर्माण के शुभारंभ के लिए उत्तम माना।

हरिद्वार प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए अक्षय कृषि परिवार के राष्ट्रीय सचिव डॉ. गुणाकर ने बताया कि गांवों के खेतों में तालाब निर्माण, छतीय जल संग्रहण, पुरानी जल संरचनाओं की स्वच्छता, नदियों एवं अन्य छोटे जल स्रोतों की साफ-सफाई हेतु लोगों को प्रेरित किया जायेगा। अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत देवसंस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिये गये पांच गांवों में भी भूमि सुपोषण कार्यक्रम लिया जा रहा है। श्री रामचन्द्र मिशन की छबि सिसोदिया ने कहा कि भूमि सुपोषण हेतु वृहद् स्तर पर वृक्षारोपण व बायोचार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस्कान के प्रतिनिधि जगदीश हरिदास, पतंजलि योगपीठ, स्वदेशी जागरण मंच सहित कई संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

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