चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में जुलाई से शुरू होंगे ओडीएल व ओएल कोर्स

विश्वविद्यालय को मिले स्वायत्तता प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी देते प्रभारी कुलपति

मेरठ, 06 अप्रैल (हि.स.)। शिक्षा के क्षेत्र में मेरठ का चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय लगातार नए कीर्तिमान बना रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालय को स्वायत्ता प्रमाण जारी कर दिया है। इससे विश्वविद्यालय को नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए यूजीसी की अनुमति की जरूरत नहीं होगी। स्वायत्तता प्रमाण पत्र मिलते विश्वविद्यालय ने जुलाई से ओडीएल और ओएल कोर्स शुरू करने जा रहा है।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में प्रभारी कुलपति प्रो. मृदुल गुप्ता ने यूजीसी के स्वायत्तता प्रमाण पत्र मिलने के बाद विश्वविद्यालय में होने वाले बदलावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यूजीसी ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को श्रेणी-1 विश्वविद्यालय स्तर की स्वायत्तता प्रदान की है। विश्वविद्यालय अब जुलाई से ओडीएल व ओएल कोर्स शुरू करने जा रहा है। शुरुआत में इसमें बीए, एमए, बीकॉम, एमकॉम, बीबीए आदि कोर्स शुरू होंगे। इन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को रेगुलर कक्षाओं का पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाएगा। इसमें विश्वविद्यालय का ही पाठ्यक्रम रहेगा। समन्वयक प्रो. नवीन चंद्र लोहनी और प्रो बीरपाल सिंह ने बताया कि ओडीएल और ओएल कोर्सों में राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रमों वाली फीस लागू की जाएगी। इससे लगभग पांच लाख विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा। प्रत्येक जिले में इसके सेंटर बनेंगे।

ओडीएल प्रदेश में और ओएल कोर्स पूरे देश के विद्यार्थी कर सकेंगे

प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने बताया कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से ओडीएल कोर्स को पूरे प्रदेश के विद्यार्थी कर सकेंगे। जबकि ओएल कोर्स को पूरे देश के विद्यार्थी कर सकेंगे। यूजीसी से स्वायत्तता पाने वाला सीसीएसयू पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है।

विदेशी फैकल्टी रख सकेगा सीसीएसयू

प्रो. प्रशांत कुमार ने बताया कि यूजीसी के स्वायत्तता सर्टिफिकेट के बाद विश्वविद्यालय को फॉरेन फैकल्टी रखने की अनुमति मिल गई है। इसके साथ ही 20 फीसदी सीटों पर विदेशी छात्रों को भी प्रवेश मिलेगा। इसकी फीस भी विश्वविद्यालय तय कर सकेगा। यूजीसी की बिना अनुमित के शैक्षणिक ढांचे में बदलाव, नए कोर्स, नए विभाग व केंद्र बनाए जा सकेंगे। यानी दूरस्थ शिक्षा के कोर्स होंगे और ओएल ऑनलाइन कोर्स होंगे।

शिक्षा को रोजगार परक बनाने की पहल

यूजीसी द्वारा स्वायत्तता प्रदान करने का मकसद शिक्षा को रोजगार परक बनाना है। शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा सकेगी। इससे शिक्षा के साथ-साथ स्किल भी प्रदान किया जाएगा। विश्वविद्यालय को मिला नैक का ए-प्लस प्लस का ग्रेड इस स्वायत्तता को पाने में सहायक बना।

प्राइवेट कोर्स को धीरे-धीरे करेंगे बंद

प्रो. मृदुल गुप्ता ने कहा कि ओडीएल व ओएल कोर्स शुरू होने के बाद इसका प्रभाव देखा जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे प्राइवेट पाठयक्रम को भी बंद किया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। इस अवसर पर डॉ. केके शर्मा, डॉ. राकेश शर्मा, मितेंद्र गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/सियाराम

   

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