मां ब्रह्मचारिणी से आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

- नवरात्र के दूसरे दिन भक्तों ने मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की, शाम को हुई आरती

कानपुर, 10 अप्रैल (हि.स.)। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को भक्तों ने मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की। मां से आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की भीड़ शहर के देवी मन्दिरों में उमड़ पड़ी। माता देवी के दर्शन के लिए शहर के सभी देवी मन्दिरों में भक्तों ने उनका पूजन अर्चन भी किया। सुबह से लेकर शाम तक मंदिरों में जय जयकार होती रही और शाम को आरती की गई।

चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को भक्तों ने मां दुर्गा के दूसरे स्वरुप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की। देवी मंदिरों में भक्तों की आस्था की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने माता रानी की जयकार लगाते हुए आराधना की है और परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। नगर के प्रसिद्ध तपेश्वरी देवी, जंगली देवी, बाराह देवी, आशा देवी, बुद्धा देवी आदि मन्दिरों में आराध्य देवी मां के पूजन अर्चन के लिए बुधवार सुबह से ही भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। महिलाओं ने माता का श्रृंगार, पूजा अर्चना की। माना जाता है कि माता रानी के दरबार में जो भक्त श्रद्धा भाव के साथ और विश्वास के साथ माथा टेकते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। शहर के बाराह देवी मंदिर के बाहर दुकानों और मेला जैसा माहौल बना हुआ है।

आचार्य रामऔतार पाण्डेय ने बताया कि ब्रह्मचारिणी नाम ब्रह्म से बना है। 'ब्रह्म' शब्द का अर्थ है- तपस्या और 'चारिणी' का मतलब होता है- आचरण। मां ब्रह्मचारिणी के नाम का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली मां।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश

   

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