वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन भक्तों ने माता कुष्मांडा की पूजा-अर्चना

खूंटी, 12 अप्रैल (हि.स.)। वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन शुक्रवार को माता दुर्गे के चौथे स्वरूप कुष्मांडा देवी की आराधना भक्तों ने की। इस संबंध में दुर्गा मंदिर बाबा आम्रेश्वर धाम के पुजारी पंडित सच्चिदानंद शर्मा बताते हैं कि माम कुष्मांडा आठ भुजाओं वाली दिवय शक्ति धारण मां परमेश्वरी का रूप हैं।

मान्यता है कि सच्चे मन से माता कुष्मांडा की पूजा करने से मनावांछित फल मिलता है। उन्होंने कहा कि देवी पुराण में कहा गया है कि पढ़ने वाले छात्रों को मां कुष्मांडा की पूजा नवरात्र में जरूर करनी चाहिए इससे बुद्धि का विकास होता है। पुजारी ने बताया कि भगवत पुराण ें बताया गया है कि मां दुर्गा के चाथे स्वरूप ने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड की उत्पति की थी। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरंभ में चारों ओर घना अंधियारा था और माता ने अपनी मंद मुस्कान से ही सृष्टि की रचना कर दी। नवरात्र के पांचवें दिन शनिवार माता कें पांचवें स्वरूप स्कंध माता की आराधना होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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