भारत आदिवासी पार्टी की प्रत्याशी बबिता कच्छप ने दाखिल किया पर्चा

खूंटी, 22 अप्रैल (हि.स.)। भारत आदिवासी पार्टी की प्रत्याशी बबिता कच्छप ने सोमवार को जिला खूंटी संसदीय सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बबिता कच्छप ने कहा कि यहां के जल, जंगल और जमीन की रक्षा करने के लिए मैं चुनाव लड़ रही हूं और यहां के आदिवासी- मूलवासियों की आवाज को संसद में उठाऊंगी।

उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले मैंने यहां के आदिवासी-मूलवासियों की समस्याओं को लेकर जन आंदोलन किया था, जिसे कुछ लोगों ने पत्थलगड़ी आंदोलन करार दिया था। मेरे आंदोलन को कुछ असामाजिक तत्वों ने बदनाम करने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में चुनाव कराने का कोई नियम नहीं है। यहां पर इलेक्शन नहीं सेलेक्शन की बातें होती थी। आजादी के पहले इतिहास का देखा जाय, तो आदिवासी क्षेत्रों में चुनाव नहीं होता था। 1950 से पहले जो भी अंग्रेजी कानून होते थे, जो भी रेगुलेशन होते थे, उसमे चाहे बंगाल रेगुलेशन या मद्रास रेगुलेशन, इसमें साफ था कि आदिवासी क्षेत्रों में अंग्रेजों का कानून लागू नहीं होता था। आजादी के बाद एसटी कमिशन की जो रिपोर्ट है, उसमें साफ-साफ कहा है कि जितने भी पुराने और नए कानून बने हैं, उसको आदिवासी क्षेत्रों में लागू करने के लिए यहां के रीति-रिवाज और स्थानीय लोगों की जमीन को ध्यान में रखते हुए लागू किया जाना चाहिए। बबीता कच्छप ने कहा कि यह बात सही है कि हमने ग्रामीणों से वोट बहिष्कार की बात कही थी। सरकार तक बातें पहुंचने के लिए वह एक आंदोलन था।

हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

   

सम्बंधित खबर