खूूंटी में देखने को मिलेगा दिलचस्प चुनावी मुकाबला

खूंटी, 24 अप्रैल (हि.स.)। झारखंड पार्टी की प्रत्याशी अपर्णा हंस के नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही खूंटी संसदीय सीट का चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गया। नामांकन के पूर्व झारखंड पार्टी के एनोस एक्का और अशोक भगत के नेतृत्व में बुधवार को निकाली गई रैली में जिस प्रकार समर्थकों की भीड़ उमड़ी, उसको देखकर कई उम्मीदवार के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आने लगी हैं। अब तक खूंटी संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता आया है।

इस बार भी भाजपा के अर्जुन मुडा और कांग्रेस के कालीचरण मुडा के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद राजनीतिक के जानकार लगा रहे थे, झारखंड पार्टी के चुनावी मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। 2014 के हुए लोकसभा चुनाव में झारखंड पार्टी के उम्मीदवार एनोस एक्का ने भाजपा प्रत्याशी कड़िया मुंडा को कड़ी टक्कर दी थी और एनोस एक्का दूसरे स्थाना पर थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार नियेल तिर्की को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था।

कांग्रेस पार्टी के समर्थक मानते हैं कि अब तक सात लोगों ने खूंटी संसदीय सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया है। इनमें भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर कर झारखंड पार्टी के एनोस एक्का, स्वतंत्र उम्मीदवार बसंत लोगा, भारत आदिवासी पार्टी की बबिता कच्छप प्रमुख हैं। अन्य उम्मीदवार सिर्फ वोटकटवा साबित होंगे। राजनीति के जानकारों का मानना है कि ईसाई मतों के बिखराव का लाभ भाजपा को मिल सकता है। बसंत लोंगा कोलेबिरा से झामुमो के विधायक रह चुके हैं और कोलेबिरा और सिमडेगा क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ बताई जा रही है। पत्थलगड़ी आंदोलन को लेकर सूर्खियों में आई बबिता कच्छप की भी खूंटी, अड़की और मुरहू क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। ऐसी स्थिति में खूंटी संसदीय क्षेत्र में दिलचस्प चुनावी मुकाबला देखने को मिल सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

सम्बंधित खबर