हिसार : ज्ञान व जागरूकता ही आज के समय में सबसे सशक्त हथियार : विक्रमजीत मित्तल

हिसार, 5 मार्च (हि.स.)। राजकीय महिला महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ व एंटी

सेक्सुएल हेरेसमेंट सैल की ओर से संयुक्त रूप से ‘महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता’ विषय पर विस्तृत व्याख्यान

का आयोजन किया गया। इसके लिए अधिवक्ता विक्रमजीत मित्तल मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल

हुए।

उनका स्वागत करते हुए महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका शाइना तहरिया ने बुधवार को

बताया कि ज्ञान व जागरूकता ही आज के समय में सबसे सशक्त हथियार है और शिक्षा का असल

उद्देश्य ना सिर्फ़ शिक्षित नागरिक बल्कि जागरूक नागरिक बनाना है। इसलिए महिलाओं को

अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना बहुत आवश्यक है।

अधिवक्ता विक्रमजीत ने अपने व्याख्यान

में महिला सशक्तीकरण से जुड़े हुए विभिन्न कानूनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने

छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न एक गंभीर सामाजिक

समस्या है, जो न केवल उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि

समाज की नैतिक और संवेदनशीलता को भी चोट पहुंचाती है। यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं

की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय कानून और समाज में कई महत्वपूर्ण उपायों की

व्यवस्था की गई जैसे भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 375, यौन उत्पीड़न निषेध अधिनियम,

सहयोग और कानूनी सहायता। महिलाओं को यौन उत्पीड़न के मामलों में कानूनी सहायता का अधिकार

है। वे पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकती हैं और यदि कार्यस्थल पर उत्पीड़न हो रहा है

तो वे आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के पास भी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सतबीर सांगा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए

बताया कि महिलाओं को कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके सम्मान की रक्षा

करने के लिए कई महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान हैं। इन कानूनी प्रावधानों के प्रति महिलाओं

को जागरूक होना चाहिए।अंत में महाविद्यालय की प्रोफेसर नीलम दहिया ने धन्यवाद किया।

कार्यक्रम में डॉ. शशि कला यादव, सुनीता व अन्य सदस्य मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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