
जयपुर, 21 मार्च (हि.स.)। गणगौर पूजन कर रही महिलाओं और युवतियों ने शीतला सप्तमी को कुम्हार के चाक से मिट्टी लाकर गणगौर और ईसर बनाए। गणगौर, ईसर के अलावा कानीराम, मालन, रोवां बनाकर भक्तिभाव से पूजन किया। शाम को गौर बिंदौरी निकाली गई। बास्योड़ा की शाम को राजधानी में हर गली से गाजेबाजे के साथ बिंदौरी निकाली गई। छोटी बच्चियों को बींद-बीनणी बनाकर घुमाया गया। आसपास के लोग वार फेरी की।
गणगौर को पानी पिलाने से लेकर सभी दिनचर्या गीतों के साथ 16 दिन तक चलने वाली पूजा में गणगौर को पानी पिलाने से लेकर दिन भर की सभी दिनचर्या गीतों के साथ निभाई जा रही है। इसी तरह दूब लाने, पानी पिलाने का कार्य भी गीतों के साथ किया जा रहा है। इसके साथ ही सीठना और बधावा के गीत भी गाए जा रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश