कांग्रेस राज में पनप रहे थे बजरी माफिया, भजनलाल सरकार ने पहुंचाए सलाखों के पीछे: खाद्य मंत्री सुमित गोदारा

जयपुर, 19 मार्च (हि.स.)। भाजपा प्रदेश कार्यालय में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कांग्रेस पार्टी की झूठ फैलाने की नीति को उजागर किया। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस राज में पनपे खनन माफिया राज की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा इन पर की गई प्रभावी कार्रवाई को बताया। मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता इन दिनों अवैध बजरी खनन को लेकर ना केवल सदन में बल्कि प्रदेशभर में अभियान चलाकर झूठ फैला रहे है। जबकि प्रदेश में अवैध खनन और खनन माफियाओं को पनपाने का काम कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने ही किया था। जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खनन माफियाओं पर लगाम लगाने के उद्देश्य से तकनीक का इस्तेमाल किया और कांग्रेस की तुलना में कई गुणा अधिक मुकदमें दर्ज किए, अवैध माल वाहन जब्त किए और अवैध बजरी सीज की।

खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि भाजपा की भजनलाल शर्मा की सरकार ने अवैध खनन को रोकने के लिए मजबूत इच्छा शक्ति के साथ काम किया है। हमने कांग्रेस सरकार की तुलना में इन माफियाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है। अगर तथ्यों और आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2023 में कांग्रेस सरकार के समय बजरी अवैध खनन के कुल 1846 प्रकरण दर्ज हुए, जबकि हमारी सरकार ने 2024 मेें 2514 मुकदमे दर्ज किए। वर्ष 2023 में जहां 2360 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं हमारी सरकार ने 3583 लोगों को बजरी अवैध खनन मामले में सलाखों तक पहुंचाया। वर्ष 2023 में जहां 24456 टन अवैध बजरी जब्त की गई, वहीं हमारी सरकार ने प्रभावी कार्रवाई करते हुए 1 वर्ष में 94952 टन अवैध बजरी जब्त की। कांग्रेस सरकार ने अवैध बजरी परिवहन करने वाले 2225 वाहन जब्त किए, हमने 3293 वाहन जब्त किए। इसी तरह कांग्रेस सरकार ने जहां 1 वर्ष में 67 लाख 5 हजार 630 रूपए जुर्माना वसूला था जबकि हमारी सरकार ने केवल 1 वर्ष में 4 करोड़ 73 लाख 93 हजार 686 रूपए का जुर्माना वसूला।

खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि कांग्रेस राज में खनन माफियाओं द्वारा पुलिए अधीक्षक तक पर गोली चलाई, डिप्टी की जीप को छलनी किया। स्वयं गहलोत के गृह जिले में पुलिस अधिकारियों को बजरी माफिया कुचल रहे थे। वहीं अब पुलिस इन माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचा रही है। 1 से 18 मार्च तक सरकार ने बजरी अवैध खनन , अवैध भंडारन पर 284 प्रकरण दर्ज किए, 29 एफआईआर दर्ज की, 235 वाहन जब्त किए और करीबन 73 लाख रूपए की शास्ति वसूल की है। कांग्रेस राज में अवैध खनन फल फूल रहा था, 2023 में सीएजी की एक रिपोर्ट ने कांग्रेस सरकार की पोल खोली। सीएजी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि अवैध खनन को रोकने में विफल रहने के साथ साथ खनन विभाग ने मॉडर्न टेक्नोलॉजी का उपयोग नहीं किया, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ। सीबीआई जांच की स्थायी स्वीकृति ही वीड्रा कर ली थी।

खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि ब्रज की पवित्र पहाड़ियों में अवैध खनन रोकने की मांग पर साधु संतों ने लगातार आवाज उठाई, लेकिन मजबूरन उन्हें आत्मदाह करना पड़ा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अवैध खनन की रोकथाम के लिए मॉनिटिरिंग हेतु जीपीएस एवं आएफआईडी यूक्त वाहनाें के उपयोग का प्रावधान किया, खनन पट्टों एवं इसके आसपास अवैध खनन नहीं होना सुनिश्चित करने के लिए वार्षिक रिर्टन के साथ ड्रोन सर्वे प्रस्तुत करने का प्रावधान किया और रिवर सैंड के स्थान पर एम-सैंड नीति को बढ़ावा दिया। भविष्य में एम-सैंड नीति बजरी के अवैध खनन को रोकने की दिशा में कारगर साबित होगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ना केवल कार्रवाई कर रही है, बल्कि इन्हें जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए कृत-संकल्पित है।

बगरू विधायक कैलाश वर्मा ने कांग्रेस राज में पनपे जंगलराज को मीडिया के सामने रखते हुए बताया कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत के राज में ना तो उनका गृह जिला सुरक्षित था ना ही राजधानी। राजधानी में एक बुजुर्ग को बजरी माफियाओं ने कुचलकर मार दिया, वहीं रिंगरोड क्षेत्र में अवैध बजरी खनन की दर्जनों शिकायतें मिली, लेकिन गहलोत ने कोई कार्रवाई नहीं की। इतना ही नहीं, गहलोत राज में सांगोद से तत्कालीन विधायक भरत सिंह ने गहलोत को पत्र लिखा था कि आपका खनिज मंत्री प्रदेश का सबसे बड़ा माफिया है, खनन माफिया पर नियंत्रण करना है तो उसे बर्खास्त करें। कोटा क्षेत्र में तो हाईवे पर खाया रे खाया भाया ने खाया के बोर्ड भी लग गए थे। इससे बौखलाए गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए कहा कि “अवैध खनन नहीं रुक रहा, मुझे वीसी करनी पड़ रही है। इतना ही नहीं, विधायक ने मुंडन करवाकर यहां तक कह दिया था कि गहलोत का ईमान मर चुका है।

विधायक कैलाश वर्मा ने कांग्रेस राज में अवैध खनन और बजरी माफियाओं के खिलाफ समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रमुख समाचारों की प्रतियां दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस राज में समाचार पत्र बजरी अवैध खनन और बजरी माफियाओं के आतंक की खबरों से रंगे रहते थे। आए दिन समाचार पत्रों की हैड लाइन इन बजरी माफियाओं की होती थी। ऐसे गहलोत और कांग्रेसी नेताओं को अब सदन में और जनता के सामने झूठ फैलाने की आवश्यकता नहीं है। कांग्रेसी सदन में जनता से जुडे़ विषयों पर वॉकआउट करते है और बाहर आकर झूठा प्रचार प्रसार करते है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष जूली ने कांग्रेस पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई के चलते सदन को अखाड़ा बना दिया। जबकि भजनलाल सरकार अपराधियों को सलाखों तक पहुंचाने और गांव, गरीब तथा किसान के कल्याण, उत्थान के लिए कृत संकल्पित है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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