'मंजीरा – तेरह ताल' नृत्य प्रस्तुति में दिखा भक्ति, कला और ताल का अनूठा संगम
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- Mar 20, 2025

जयपुर, 20 मार्च (हि.स.)। राजस्थान की समृद्ध लोकनृत्य परंपरा का जीवंत दर्शन गुरुवार को रामकृष्ण मिशन परिसर में हुआ। यहां राजस्थान डेल्फिक काउंसिल और रामकृष्ण मिशन जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘मंजीरा–तेरह ताल नृत्य प्रस्तुति’ में मंजीरों की झंकार ने शाम को सुरमयी बना दिया। इस आयोजन ने न केवल पारंपरिक नृत्य और संगीत का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और आगे बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं डेल्फिक काउंसिल राजस्थान की अध्यक्ष श्रेया गुहा, डेल्फिक काउंसिल के सचिव एवं जयपुर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी और रामकृष्ण मिशन के स्वामी देव प्रभानन्द द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
इस अवसर पर गुहा ने कहा कि राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को सहेजना और नई पीढ़ी से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। डेल्फिक काउंसिल राजस्थान इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है और ‘मंजीरा’ जैसे आयोजनों से हमारी लोककला और परंपराओं को नई ऊर्जा मिलती है।
डेल्फिक काउंसिल राजस्थान के सचिव और जयपुर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल राजस्थान की सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत रखते हैं बल्कि कलाकारों को मंच प्रदान करने का भी कार्य करते हैं। हमें गर्व है कि हम अपनी लोक संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इस आयोजन में लोक संगीत और नृत्य की जुगलबंदी देखने को मिली, जहां ढोलक पर रोशनदास, तंबूरे पर कालूदास, और झाँझ पर इंद्रदास ने अपनी मधुर धुनों से माहौल को संगीतमय बना दिया। वहीं, तेरह ताल नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति में कैलाशी बाई, सोहनी बाई, कंचन और कुसुम बाई ने अपने नृत्य कौशल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गौरतलब है कि तेरहताल नृत्य राजस्थान का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है। यह नृत्य एक प्रकार की ईश्वर साधना है जिसमें महिलाएँ अपने शरीर पर तेरह मंजीरे बांधकर और मुंह में तलवार व कटार लेकर नृत्य करती हैं। यह नृत्य मूलतः कामड़ समाज के लोगों द्वारा किया जाता है जिसमें पुरुष वाद्य यंत्र बजाते हैं और महिलाएं विभिन्न मुद्राओं में नृत्य करती हैं।
कार्यक्रम का आयोजन लोक धुनि फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन के एकनिष्ठानंद महाराज, राजस्थान डेल्फिक काउंसिल सदस्य मोनाली सेन, कीर्ति शर्मा, राहुल सूद, लतीफ़ उस्ता, शुवंकर विश्वास और नवीन त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल