कैथल: न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन

कैथल, 8 मार्च (हि.स.)। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कैथल की अध्यक्षा एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितु वाई. के. बहल को देखरेख में शनिवार को न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में लोगों को प्रेरित किया कि वे अधिक से अधिक मामलों को निपटा करवा कर लोक अदालत का फायदा उठायें।

इस लोक अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश अमित गर्ग, पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायधीश दवेन्द्र सिंह, सिविल न्यायाधीश (सिनियर डिवीजन) डा. अमन इंद्र सिंह, सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) संदीप कौर , सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) अंकिता महाजन और सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) गुहला डिविजन राजविन्द्र सिंह की बैंच गठित की गई थी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रितु ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 9413 लंबित मामलों को रखा गया था, जिसमें से 6281 मामलों का निपटारा किया गया। कुल मुबलिक 7 करोड़ 42 लाख 63 हजार 592 रुपये की राशि के विभिन्न अपराधिक, एन आई एक्ट, बैंक रिकवरी, मोटर वाहन, श्रम से संबंधित विवाद मामले, राजस्व मामले व अन्य मामलों का इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटारा किया गया है।

इसके साथ ही उन्होने बताया कि लोक अदालत एक ऐसी अदालत है, जिसमें मामलों (विवादों) का निपटारा पक्षकारों की पारस्पारिक सहमति से किया जाता है। इसमें न किसी पक्षकार की जीत होती न हार।

दोनों पक्षों में पुनः स्नेह, सौहार्द एवं बन्धुत्व का भाव उत्पन्न हो जाता है। लोक अदालत की विशेषता है कि यह शीघ्र व सस्ते न्याय का स्त्रोत है। इसे जनता की अदालत भी कहा जाता है। लोक अदालत की विशेषता है कि इसमें कोई न्यायालय शुल्क नहीं है और यदि न्यायालय शुल्क का भुगतान पहले ही कर दिया गया है तो लोक अदालत में विवाद का निपटारा होने पर इसे वापिस कर दिया जाता है। लोक अदालत में मामले का निपटारा तुरन्त हो जाता है और सभी को न्याय आसानी से मिल जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मनोज वर्मा

   

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