रक्सौल हवाई अड्डा निर्माण के लिए बाधा सीमा सतह सर्वेक्षण हुआ शुरू

-तीन सदस्यीय समिति करेगी सर्वेक्षण

पूर्वी चंपारण,31 जनवरी(हि.स.)। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने रक्सौल हवाई अड्डे के निर्माण को लेकर कवायद शुरू कर दिया है।

निर्माण को लेकर प्राधिकरण ने त्रि-स्तरीय समिति का गठन करते हुए बाधा सीमा सतह सर्वेक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। बताया गया है,कि किसी भी हवाई अड्डे के निर्माण से पहले एक यह सर्वेक्षण एक आवश्यक प्रक्रिया होती है, जिसके तहत आसपास के क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थितियों, संभावित अवरोधों और सुरक्षा मानकों की जांच की जाती है।

इस सर्वेक्षण से ही यह सुनिश्चित होगा कि हवाई अड्डे के रनवे और अन्य सुविधाओं के निर्माण में किसी प्रकार की रुकावट तो पैदा नही होगी,ताकि विमानों की आवाजाही सुरक्षित सुनिश्चित किया जा सके।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकर ने इस सर्वेक्षण के सुचारू संचालन और निष्पक्ष मूल्यांकन के लिए त्रि-स्तरीय समिति का गठन किया है।जो हवाई अड्डे के संभावित स्थान का विस्तृत अध्ययन करने के साथ ही

आसपास के निर्माणों और संरचनाओं का विश्लेषण और पर्यावरणीय और सुरक्षा मापदंडों का भी विस्तृत अध्ययन करेगी।उल्लेखनीय है,कि भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित पूर्वी चंपारण जिले का रक्सौल शहर एक महत्वपूर्ण व्यवसायिक केंद्र है।जहां इंटीग्रेडेट चेक पोस्ट के साथ इससे सटे वीरगंज शहर के खलवा सिरसिया में ड्राई पोर्ट भी बनाया गया है।

ऐसे में रक्सौल में हवाई अड्डे के निर्माण से न केवल बिहार और नेपाल के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां के स्थानीय नागरिकों में भी हवाई अड्डा निर्माण को लेकर खासा उत्साह है।लोगो ने बताया कि हवाई अड्डा बनते ही इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को पंख लग जायेगे।भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अधिकारियो ने बताया कि ओएलएस सर्वेक्षण की रिपोर्ट मिलते ही रक्सौल हवाई अड्डे का विस्तृत डिजाइन और निर्माण योजना पर कार्य शुरू कर दिया जायेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

   

सम्बंधित खबर