चिकित्सालय में प्रसूता की मौत पर हंगामा, गायनिक शाखा प्रमुख डॉक्टर शर्मा का बयान, जांच के बाद करेंगे कार्रवाई

चित्तौड़गढ़, 8 अप्रैल (हि.स.)। जिला मुख्यालय के श्री सांवलियाजी राजकीय चिकित्सालय के महिला एवं बाल चिकित्सालय में उपचार के दौरान एक महिला की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। बाद में परिजन कलक्ट्रेट पहुंचे, जहां प्रदर्शन के बाद ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई के आश्वासन के बाद पोस्टमार्टम पर राजी हुए।

इधर, गायनिक विभाग के प्रभारी डॉक्टर प्रवीण शर्मा ने कहा कि मामले में जांच करवा कर जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार सिंगोला गांव की रहने वाली कोमल पत्नी बाबूलाल गुर्जर को प्रसव के लिए चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था। परिजनों ने बताया कि महिला को उपचार के लिए भर्ती करवाने के 18 घंटे के बाद भी चिकित्सकों ने उसकी कोई सार संभाल नहीं की। रविवार को प्रसव के लिए भर्ती कराई गई प्रसूता का सोमवार को ऑपरेशन किया गया। लेकिन उसके रक्तस्राव शुरू हो गया। इसके बाद पुनः ऑपरेशन किया गया लेकिन इसी दौरान महिला की मौत हो गई। इसकी सूचना उन्हें पांच घंटे बाद दी गई। प्रसूता की मृत्यु होने की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में परिजन अस्पताल पहुंच गए और हंगामा करने लगे। परिजनों ने दोषी चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ काफी कार्यवाही कार्रवाई की मांग करने लगे। इस दौरान परिजनों ने ऑपरेशन करने के लिए राशि मांगने का आरोप भी लगाया है। इधर, सूचना मिलने पर पूर्व विधायक बद्रीलाल जाट, युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह, सरपंच पप्पू गुर्जर सहित कई जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। यहां जिला चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर हंगामे की स्थिति बनी रही। इसके बाद सभी लोग यहां से कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां जिला कलक्टर से भेंट कर कार्रवाई की मांग का ज्ञापन दिया गया। इस मामले में मुआवजे की मांग भी की गई है। वहीं दूसरी और इस पूरे मामले में महिला एवं बाल चिकित्सालय के गायनिक विभाग के प्रमुख डॉ प्रवीण शर्मा का बयान सामने आया है।

डॉ शर्मा का कहना है कि अस्पताल में पिछले 10 दिनों में तीन मौतें हुई है, जो दुखद है। इसके लिए कमेटी बनाई गई है। जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि गत 10 दिनों में ही प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत के दो और मामले पूर्व में सामने आ चुके हैं। एक मामले में भी परिजनों और लोगों ने दोषी चिकित्सक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। इस मामले की जांच भी पूरी नहीं हुई थी कि एक और मामला सामने आ गया। ऐसे में कहीं ना कहीं चिकित्सालय प्रशासन और चिकित्सकों की कार्य शैली पर सवाल उठ खड़े हुवे हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अखिल

   

सम्बंधित खबर