हिसार : रेप के आरोपी देवेन्द्र बुड़िया की जमानत याचिका खारिज

अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सुनाया

फैसला

हिसार, 5 फरवरी (हि.स.)। अतिरिक्त जिला एवं सत्र

न्यायाधीश सुनील जिंदल की अदालत ने युवती से रेप के आरोपी अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा

के अध्यक्ष देवेन्द्र बुड़िया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने बुधवार सुबह

दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दोपहर बाद फैसला सुनाया। बचाव पक्ष के वकील के तमाम

तर्क सुनने के बाद अदालत ने देवेन्द्र बुड़िया की जमानत याचिका खारिज की। देवेन्द्र बुड़िया ने अपने वकील पवन रापड़िया

के माध्यम से अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। बुड़िया के वकील ने अदालत में दस्तावेज

पेश करते हुए बुड़िया पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित और झूठा बताया। वकील पवन

रापड़िया ने तर्क दिया की बुड़िया को पार्किंसन की बीमारी है और पिछले 14 साल से उनका

इलाज चल रहा है। वह ठीक से खड़े नहीं हो सकते, हाथ-पैर कांपते हैं। साथ ही उनकी सेक्स

पावर कमजोर है उनमें संबंध बनाने की क्षमता नहीं है। वो कैसे युवती का रेप कर सकते

हैं।

अदालत में देवेन्द्र बुड़िया के वकील पवन रापड़िया

ने बुड़िया की ओर से पक्ष रखा। वकील ने बताया कि रेप पीड़िता के आरोप झूठे हैं। बुड़िया

समाज की अंदरूनी राजनीति का शिकार हैं। महासभा में प्रधान के पद पर रहते हुए बुड़िया

ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक के पद से हटा दिया था और बिश्नोई रत्न वापस ले लिया था

और इसकी दुश्मनी निकाली जा रही है। वकील ने बताया कि पीड़िता ने एफआईआर में रेप की जिन

जगहों का नाम लिया है, वहां के एंट्री रजिस्ट्रर चेक किए जा सकते हैं। देवेंद्र बुड़िया

कभी रात को चंडीगढ़ के उक्त होटल में ठहरे ही नहीं वहीं, जयपुर में जिस फ्लैट का जिक्र

है, वह समाज की धर्मशाला है, जहां हर व्यक्ति की कमरा लेते समय एंट्री होती है। वकील

ने बताया कि बुड़िया ने गरीब लड़की होने के नाते उसकी मदद की लेकिन बुड़िया को राजनीति

के तहत फंसाया जा रहा है।

वकील ने अदालत को बताया कि देवेंद्र बुड़िया को

2011 से पार्किंसन की बीमारी है। उनके हाथ-पांव कांपते हैं। यहां तक कि वह ठीक से खड़े

नहीं हो सकते। वर्ष 2011 में बुड़िया का मुंबई में इलाज चला। इसके बाद गुरुग्राम में

उनका इलाज चल रहा है। उनकी सेक्स पावर कमजोर है। उनका आधा शरीर काम नहीं करता। कोर्ट

चाहे तो उनका टेस्ट करवा सकता है। पवन रापड़िया ने बताया कि बुड़िया ने लड़की की मदद इसलिए

की क्योंकि आदमपुर में उनका बेटा शादीशुदा है और आदमपुर में ही लड़की के परिवार वालों

ने उनसे मदद मांगी थी। लड़की की तब से वह मदद कर रहे हैं। जब भी लड़की ने मदद के लिए

पैसे मांगे, उसे आर्थिक सहायता दी। कभी पढ़ाई के नाम पर तो कभी एडमिशन के नाम पर। वकील

का कहना है कि आरोप लगाने वाली लड़की ही देवेंद्र बुड़िया को बार-बार फोन कर मदद मांगती

थी। उसने मैसेज भी भेजे हैं, जिसमें कहा है कि अंकल प्लीज 10 हजार रुपए दे दो। लड़की

ने राजनीतिक दबाव में आकर केस दर्ज करवाया है।

उधर, पिछले दिनों आदमपुर थाने में रेप का केस

दर्ज होने के बाद से ही पुलिस देवेन्द्र बुड़िया की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।

पुलिस बुड़िया को पकड़ने के लिए जोधपुर गई थी, तब बुड़िया अंडरग्राउंड हो गए थे।

यह कहा लड़की ने शिकायत में

आदमपुर पुलिस थाना में केस दर्ज करवाने वाली युवती

ने कहा है कि वर्ष 2023 में उसके पिता ने ही उसकी मुलाकात बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष

देवेंद्र बुड़िया से करवाई थी। चूंकि युवती को विदेश जाना था, इसलिए बुड़िया ने भरोसा

दिलाया कि वह उसकी मदद करेगा। कुछ दिन बाद उसे चंडीगढ़ में आइलेट्स का कोर्स करने के

लिए बुलाया गया। युवती का आरोप है कि फरवरी 2024 में बुड़िया ने चंडीगढ़ के एक होटल

में उसके साथ नशे में रेप किया और वीडियो बनाया। विरोध किया तो झूठे केस में फंसाने

की धमकी दी। फिर जून 2024 में बुड़िया ने उसे जयपुर के पीजी में बुलाया। वहां अगस्त

2024 में वह अपने पीए के जरिए उसे सिविल लाइंस स्थित फ्लैट पर ले गया और उसके साथ दोबारा

रेप किया। इस बार विरोध करने पर उसे ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को जान से मारने

की धमकी दी। इसी मामले में पुलिस ने उस पर केस दर्ज किया है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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