जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में औषधीय पौधों पर कौशल विकास कार्यक्रम संपन्न

जम्मू, 15 जनवरी (हि.स.)। जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) में बुधवार को औषधीय पौधों के संरक्षण, खेती और उद्यमिता विकास पर सात दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम का समापन हुआ। यह कार्यक्रम क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र एनआर 2, राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कश्मीर (एसकेयूएएसटी-के) और सीयूजे के वनस्पति विज्ञान विभाग के बीच एक सहयोगी पहल थी।

सीयूजे के कुलपति प्रो. संजीव जैन की दृष्टि और मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को औषधीय पौधों के संरक्षण, टिकाऊ खेती और उद्यमिता में व्यापक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल से सशक्त बनाना था। सप्ताह भर में प्रतिभागियों ने क्षेत्र में नवीन प्रथाओं और उन्नति के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले 22 विशेषज्ञ-नेतृत्व वाले व्याख्यानों में भाग लिया।

क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र एनआर 2 के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. शेख बिलाल अहमद ने कार्यक्रम के आयोजन में उनके निरंतर सहयोग के लिए प्रोफेसर जैन और सीयूजे के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी और ज्ञान प्राप्त करने के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। सीयूजे के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. योगेश कुमार ने डॉ. शेख बिलाल अहमद सहित सहयोगियों के योगदान की सराहना की और कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने वाले टीम वर्क को स्वीकार किया। उन्होंने औषधीय पौधों के विकास में स्थायी प्रथाओं और उद्यमिता को बढ़ावा देने में ऐसी पहलों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर बी.एस. भाऊ ने वक्ताओं और आयोजकों को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और कार्यक्रम की उपलब्धियों के लिए सहयोगी भावना पर जोर दिया। इसी बीच सीयूजे के स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज की डीन प्रोफेसर जया भसीन ने कार्यक्रम के बहु-विषयक दृष्टिकोण की प्रशंसा की। उन्होंने औषधीय पौधों के स्थायी उपयोग और संरक्षण को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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