बड़े राज्यों के विकास के बिना नहीं हो सकता देश का विकासः डॉ पनगढ़िया
- Admin Admin
- Mar 06, 2025

- भोपाल में 16वें केन्द्रीय वित्त आयोग के साथ महत्वपूर्ण बैठक, अध्यक्ष बोले- मप्र भविष्य में प्रगति के प्रति जागरूक
भोपाल, 06 मार्च (हि.स.)। सोलहवें केन्द्रीय वित्त आयोग ने मध्य प्रदेश विकास के विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश भविष्य में प्रगति के प्रति जागरूक भी है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविन्द पनगढ़िया ने कहा कि बड़े राज्यों के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता। उन्होने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उपलब्धियों के साथ औद्योगिक प्रगति भी जरूरी है। सिर्फ कृषि के आधार पर किसी देश के विकसित बनने का उदाहरण नहीं है। उन्होने कहा कि प्रदेश को नीतियों में सुधार लाना चाहिए। अपनी ऊर्जा का पूरा उपयोग जरूरी है। मध्य प्रदेश आगे बढ़कर कुछ क्षेत्रों में पहल कर कानूनों में सुधार करे तो केन्द्र भी सहयोग देगा।
भोपाल में गुरुवार को 16वें केन्द्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि विकास होगा तो शहरीकरण भी होगा। यह जरूरी है लेकिन इसके लिए कदम उठाये जा सकते हैं। रोजगार निर्माण की प्रक्रिया भी साथ-साथ चलना चाहिए। उन्होने कहा कि आयोग पर विकसित भारत के लिए रोडमैप बनाने की चुनौती है। वित्त आयोग सभी राज्यों के साथ संवाद कर रहा है। संवाद सत्रों के बाद आयोग के सभी विशेषज्ञ सदस्यों के साथ परामर्श कर राज्यों को वित्तीय संसाधनों के आवंटन पर निर्णय लिया जा सकेगा।
प्रदेश अन्य प्रदेशों के लिये बन सकता है उदाहरण
आयोग के सदस्य डॉ. मनोज पांडा ने मध्य प्रदेश में विकास के कार्यक्रमों और नवाचारी पहल की तारीफ करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। आयोग के सदस्य एएन झा ने कहा कि बीते वर्षो में मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा आर्थिक वृद्धि करने वाला राज्य है। मुख्यमंत्री की विकास संबंधी सोच अच्छी है। कई क्षेत्रों में अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण बन सकता है। सदस्य डॉ. एनी जार्ज मैथ्यू ने प्रदेश की ओर से विभिन्न सेक्टर पर हुए प्रेजेंटेशनों की तारीफ करते हुए कहा कि कहा कि आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा। डॉ. सौम्या कांति घोष ने कहा कि मध्य प्रदेश ने स्वयं को वित्तीय प्रबंधन में आदर्श राज्य बनाया है। यह निरंतर राजस्व आधिक्य वाला राज्य बना है। मध्य प्रदेश के पन्द्रहवें वित्त आयोग के भी सभी लक्ष्यों को हासिल कर लिया है। उन्होने कहा कि देश के लिए मध्य प्रदेश का जल, जंगल और जमीन जैसे संसाधनों की रक्षा करना जरूरी है।
बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने 16 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों तथा अधिकारियों स्वागत करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश अपने वित्तीय संसाधनों का पूरी क्षमता और कुशलता से संचालन कर रहा है। कोविड-19 महामारी के बावजूद हमने अपनी अर्थव्यवस्था को संतुलित बनाए रखा। वर्ष 2004-05 से निरंतर राजस्व अधिशेष बनाए रखा। इस राजस्व अधिशेष और ऋण को हमने उत्पादक पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण में उपयोग किया।
देवड़ा ने कहा कि स्वयं के राजस्व को बढ़ाने के लिए राज्य कर राजस्व और राज्य गैर-कर राजस्व दोनों ही मामलों में लक्ष्य हासिल कर लिया है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों की सीमा में ऋण और घाटे के सभी प्रमुख संकेतकों में हमारा प्रदर्शन सराहनीय रहा है। भारत सरकार से पूँजीगत कार्यों के लिए मिल रहे दीर्घकालिक ब्याज-रहित-ऋण के सामयिक व सार्थक उपयोग के लिए हमने सुनियोजित तरीके से कार्य किया है। परिणामस्वरूप केन्द्र से अधिकतम राशि प्राप्त करने में हम सफल रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य है। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में 2047 तक एक विकसित राज्य बनने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। इसके लिये एक व्यापक एवं सुव्यवस्थित रोडमैप तैयार किया है। अगले पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने तथा महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में रणनीतिक निवेश करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अपने विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वयं के राजस्व संसाधनों को बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं। देवड़ा ने सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन को और सुदृढ़ बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि मध्य प्रदेश ने प्रधानमंत्री मोदी के 2047 विकसित भारत के विजन के अनुसार विकसित मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया है। पांच सालाना कार्य योजना बनाई है। गरीब कल्याण मिशन, युवा कल्याण मिशन, किसान कल्याण और महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन मोड में कार्य किया जा रहा है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अगले 25 सालों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शहरीकरण के साथ-साथ औदयोगीकरण पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। उन्होंने क्षेत्रीय निवेश सम्मेलनों और हाल में संपन्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए लगातार फॉलो-अप किया जा रहा है।
मुख्य सचिव जैन ने कहा कि मध्य प्रदेश ने 18 नीतियां बनाई हैं। पर्यटन एक प्रमुख क्षेत्र है। मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं है। इसमें आध्यात्मिक पर्यटन भी शामिल है। जन विश्वास कानून और इसके पहले लोक सेवा प्रदाय गारंटी कानून से शासन-प्रशासन सुगम और सहज हुआ है। इसके अलावा समग्र डाटा, संपदा में ऑनलाइन पंजीयन, संपतियों की मैपिंग, स्वामित्व योजना, कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए आईगाट ऑनलाइन ट्रेनिंग का उपयोग करने जैसे कई प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला सहित मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों की योजनाओं और वित्तीय आवश्यकताओं पर प्रेजेंटेशन दिया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर