मंत्री-विधायक विवाद में विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस ने किया वॉकआउट

चंडीगढ़, 12 मार्च (हि.स.)। हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा और सफीदों से भाजपा विधायक रामकुमार गौतम के बीच मंगलवार को विधानसभा में हुए विवाद को लेकर बुधवार को भी सदन गरमा गया। कांग्रेस ने भाजपा के दोनों विधायकों के विरूद्ध निंदा प्रस्ताव लाने की बात की। जिसे स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने खारिज करते हुए सत्तापक्ष व विपक्ष को मर्यादाओं में रहने की नसीहत दी। बाद में कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे को लेकर सदन से वॉकआउट भी किया।

आज जब यह पूरा विवाद चल रहा था, तो अरविंद शर्मा सदन में नहीं थे और उन पर आरोप लगाने वाले सफीदों विधायक रामकुमार गौतम सीट पर ही बैठे रहे। प्रश्नकाल के तुरंत बाद पूर्व स्पीकर व थानेसर विधायक अशोक अरोड़ा ने सदन में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक विधायक ने कैबिनेट मंत्री पर 10 लाख रुपये के आरोप लगाए हैं। यह गंभीर मामला है, इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। स्पीकर ने कहा कि लिखित में शिकायत आएगी तो सरकार संज्ञान लेगी।

अरोड़ा ने कहा कि सरकार के मंत्री पर सदन के भीतर आरोप लगे हैं। विधानसभा की कमेटी बनाकर इस मामले की जांच होनी चाहिए। संसदीय कार्य मामले मंत्री महिपाल सिंह ढांडा ने मंगलवार को हुई घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि अशोभनीय व्यवहार सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जो हुआ, वह दुखदायी था। उस समय ऐसा माहौल बन गया था और भावनाओं में आकर ऐसी बातें सामने आईं।

पूर्व स्पीकर व बेरी विधायक डॉ. रघुबीर सिंह कादियान ने फिर से मुद्दे को उछालते हुए कहा कि सदन में आरोप लगना बहुत गंभीर मामला है। इस पर स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि दोनों की ओर से इस्तेमाल किए गए मर्यादित शब्दों को कार्रवाई से हटाया जा चुका है। जब महिपाल ढांडा ने कांग्रेस पर राई का पहाड़ बनाने यानी मुद्दे को फिर से बड़ा करने के आरोप लगाए तो कांग्रेस विधायक इस पर भड़क उठे।

डॉ. कादियान ने पूरे घटनाक्रम पर स्पीकर से रूलिंग देने का आग्रह किया। इस पर हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि किसी को भी नियमों व मर्यादाओं को लांघने की इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा, जिस तरह से वरिष्ठ सदस्यों का आचरण है, उसका नये सदस्यों पर क्या असर पड़ेगा, इस बारे में भी सोचना चाहिए। किसी को भी एक-दूसरे के खिलाफ व्यक्तिगत कटाक्ष नहीं करने दिया जाएगा।

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूरे मामले में नाराजगी जताते हुए स्पीकर से आग्रह किया कि डॉ. रघुबीर सिंह कादियान के निंदा प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए। प्रस्ताव को मंजूर नहीं होने के विरोध में कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट भी किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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