बांदा लोकसभा क्षेत्र में अभी भी, सपा प्रत्याशी बदलने का सस्पेंस बरकरार

बांदा, 01 मई (हि.स.)। बांदा चित्रकूट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। अब नामांकन के सिर्फ तीन दिन बचे हैं। सपा प्रत्याशी के तुरंत बाद उनकी पत्नी जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा पटेल ने भी सपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। जिससे एक बार फिर सपा के प्रत्याशी शिव शंकर सिंह पटेल को बदले जाने की चर्चा तेज हो गई है। यह सस्पेंस गुरुवार को समाप्त हो सकता है।

नामांकन के पांचवें दिन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शिव शंकर सिंह पटेल ने नामांकन पत्र दाखिल किया और इसके बाद जब उनकी पत्नी सपा प्रत्याशी के रूप में ही नामांकन पहुंच करने पहुंची तो सिर्फ सपा ही नहीं बल्कि भाजपा व बसपा के खेमों में भी चर्चा का बाजार गर्म हो गया। किसी को अंदाजा नहीं था कि एक ही दल से दोनों पति-पत्नी अपना नामांकन कराएंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में जब से शिव शंकर सिंह पटेल का नाम सामने आया। तब से उनके अस्वस्थ होने की बात कहकर टिकट बदलने की अटकलें काफी दिनों से चल रही हैं। पार्टी सहित अन्य पार्टियों के बाकी नेता सपा का टिकट हथियाने के लिए दिल्ली लखनऊ की गणेश परिक्रमा करते रहे। कई बार भाजपा के पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्र व सपा के पूर्व विधायक वीर सिंह तथा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अशोक दीक्षित का भी नाम उछाला गया। लेकिन मंगलवार को सपा प्रत्याशी शिव शंकर पटेल ने नामांकन किया तो इन सभी चर्चाओं को विराम लग गया। इसी दौरान सपा प्रत्याशी की पत्नी श्रीमती कृष्णा पटेल ने नामांकन पत्र दाखिल किया तो राजनीतिक खेमे में हलचल मच गई। इसके बाद से ही एक बार फिर से सपा के घोषित प्रत्याशी शिव शंकर पटेल को बदलने की अटकलें तेज हो गई।

सूत्रों का मानना है कि मंगलवार को सुबह तक चर्चा थी कि समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी चाहे वह कोई भी हो लेकिन वह 2 मई को ही अपना नामांकन कराएगा। लेकिन अचानक दोपहर में रणनीति बदली नजर आई। सपा प्रत्याशी शिव शंकर सिंह पटेल व उनकी पत्नी कृष्णा पटेल ने पहुंचकर नामांकन दाखिल कर दिया। बताया यह भी जा रहा है कि ऐसा पार्टी हाई कमान के फैसले के खिलाफ किया गया। हालांकि ऐसा क्यों किया गया इस बारे में पार्टी के घोषित प्रत्याशी की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। लेकिन इसे रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि शिव शंकर सिंह पटेल 1997 में बबेरू से भाजपा के टिकट पर बबेरू से विधायक बने थे। कल्याण सिंह सरकार में उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। उनकी गिनती पार्टी के कद्दावर नेताओं में होती थी। पटेल बिरादरी में उनकी खासी पैठ थी। वर्ष 2021 में जिला पंचायत के चुनाव में पूर्व मंत्री शिव शंकर पटेल ने वार्ड नंबर 5 से पत्नी कृष्णा पटेल के लिए भाजपा से टिकट मांगा,लेकिन भाजपा ने टिकट नहीं दिया। शिव शंकर ने इसे अपनी प्रतिष्ठा मानते हुए पत्नी को निर्दलीय डीसीसी का चुनाव लड़ाया और जितवाया तब भाजपा ने शिव शंकर पटेल को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। इसके बाद शिव शंकर पटेल सपा में शामिल हो गए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/राजेश

   

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