मॉक ड्रिल से परखीं चारधाम यात्रा की तैयारियां, आपदा प्रबंधन सचिव बोले- सभी विभागों के बीच तालमेल जरूरी

मॉक ड्रिल से परखीं चारधाम यात्रा की तैयारियां, आपदा प्रबंधन सचिव बोले- सभी विभागों के बीच तालमेल जरूरी

- उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का मॉक ड्रिल

देहरादून, 02 मई (हि.स.)। चारधाम यात्रा के दौरान किसी आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए गुरुवार को चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों में मॉक ड्रिल के जरिए तैयारियां परखी गई। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से आयोजित मॉक ड्रिल में विभिन्न जिलों ने आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी-अपनी कार्ययोजना पेश की।

आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा तथा एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने सचिवालय परिसर स्थित कंट्रोल रूम से मॉक ड्रिल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और सभी जिलों से उनकी तैयारियों को लेकर चर्चा की। राहत और बचाव कार्यों के लिए उपकरणों की उपलब्धता, रिसोर्स मैनेजमेंट, स्वास्थ्य, सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पैरामेडिकल टीमों की तैनाती तथा आपदा प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की। बैकअप प्लान पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हास्पिटलों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं होनी चाहिए।

सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन में सभी विभागों के बीच उचित समन्वय और तालमेल होना जरूरी है। सभी विभागीय अधिकारियों को अपनी-अपनी भूमिका स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने मॉक ड्रिल को लेकर विभिन्न जिलों की तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया और जहां कुछ कमियां मिलीं, उन्हें यात्रा शुरू होने से पहले दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आर्मी और पेरामेडिकल फोर्सेस की मदद लेने के लिए सीधे यूनिट प्रमुख से संपर्क करें, जो निर्णय लेने में सक्षम हों और जो तुरंत सहायता प्रदान कर सकें। उन्होंने किसी भी आपातकालीन स्थिति में आईआरएस यानी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने सभी विभागों को संसाधनों की मैपिंग करने के लिए भी कहा। कहा कि सभी विभागों की चेक लिस्ट और एसओपी हर वक्त तैयार रहनी चाहिए।

यहां हुई मॉक ड्रिल

मॉक ड्रिल के दौरान उत्तरकाशी में होटल तथा धर्मशाला, नेताला में भूस्खलन तथा रोड ब्लॉक, चीड़बासा में बादल फटना, बदरीनाथ धाम में भूकंप तथा भगदड़, गोपेश्वर में आग, बाजपुर में रोड ब्लॉक, गौचर में रोड एक्सीडेंट, कलियासौड़ में बस दुर्घटना, डुंगरीपंथ में भूकंप, चमधार श्रीनगर में भूस्खलन, मायलु गांव में सड़क हादसा, हरकी पैड़ी में भगदड़, धरासू में रोड एक्सीडेंट, धनोला में भूकंप, देहरादून में राजपुर रोड स्थित जीजीआईसी में भूकंप की मॉक ड्रिल की गई।

स्कूल प्रबंधन और राहत व बचाव टीमों को दिए आवश्यक निर्देश

आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा तथा एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने राजपुर रोड स्थित जीजीआईसी में भूकंप की मॉक ड्रिल का निरीक्षण कर स्कूल प्रबंधन और राहत और बचाव टीमों को जरूरी निर्देश दिए। मेजर जनरल सुधीर बहल ने स्कूल की प्रधानाचार्या से भूकंप के समय बच्चों की सुरक्षित निकासी के प्लान को लेकर जानकारी ली। उन्होंने स्कूल में प्रत्येक तीन माह में इस तरह की मॉक ड्रिल अपने स्तर पर कराने को कहा। उन्होंने बच्चों को खासतौर पर एनसीसी कैडेट्स को फर्स्ट एड की ट्रेनिंग देने को कहा। इस दौरान उन्होंने छात्राओं के साथ संवाद भी किया।

स्कूली छात्राओं को दें आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अलग-अलग जिम्मेदारी

मेजर जनरल सुधीर बहल ने स्कूली छात्राओं को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अलग-अलग जिम्मेदारियों देने को कहा, ताकि आपदा के समय स्वयं मदद को आगे आ सकें। इसके बाद उन्होंने पुलिस लाइन स्थित स्टेजिंग सेंटर में विभिन्न विभागों के स्तर पर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए। टीम ने दून अस्पताल में भी आपात स्थिति से निपटने की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को एक ठोस डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/वीरेन्द्र

   

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