जगदलपुर-बीसी सखियों के माध्यम से 433 ग्राम पंचायतों के ग्राहकों को बैंकिंग सेवाएं

बीसी सखियांबीसी सखियां

जगदलपुर, 03 मई(हि.स.)। बस्तर जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रशिक्षित कुल 150 बीसी सखियों के माध्यम से 433 ग्राम पंचायतों के ग्राहकों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान की जा रही है। कलेक्टर विजय दयाराम के निर्देशानुसार जिले के दूरस्थ इलाकों में बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता के विकल्प के रूप में इन बैंक सखियों द्वारा जरूरतमंद ग्रामीणों को महत्वपूर्ण बैंकिंग सेवाएं प्रदान किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत व्यक्तिगत खाता खोलना, खाते से राशि निकासी करना, खाते में राशि जमा करना, राशि का हस्तांतरण करना, सामाजिक सुरक्षा बीमा एवं पेंशन योजनाओं का नामांकन करना, बिजली बिल भुगतान, मोबाईल रीचार्ज, टीवी रिचार्ज करना आदि सेवाएं सम्मिलित है।

जिले में सामाजिक सहायता कार्यक्रम के पेंशन भुगतान, मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी भुगतान, व्यक्तिगत जमा-निकासी के तहत बड़ी संख्या में राशि के अंतरण उपरांत बैंकों में बढ़ते ग्राहकों की संख्या और बैंकर्स की कार्यभार को देखते हुए गांवों में ही बीसी सखी के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था की गई है। जिससे ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर ही बैंक की जरूरी सेवाएं उपलब्ध हो सके।

कलेक्टर श्री विजय के सार्थक प्रयासों के फलस्वरूप इस दिशा में विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में मनरेगा श्रमिकों को 20 करोड़ 22 लाख रुपये, विभिन्न पेंशन योजनाओं के हितग्राहियों को 15 करोड़ 11 लाख रुपये और महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों को एक करोड़ 94 लाख रुपये कुल 37 करोड़ 27 लाख रुपये का भुगतान बीसी सखियों के द्वारा आधार इनेबल्ड पेमेन्ट सिस्टम का उपयोग कर सम्बन्धित ग्राम पंचायत स्तर में ही किया गया। जिससे इन हितग्राहियों की समय की बचत के साथ धन की बचत हुई। बीसी सखियां ग्राम पंचायत भवनों में हितग्राहियों को राशि का भुगतान, राशि जमा करने सहित अन्य कार्य सम्पादित करती हैं,ताकि ग्रामीणों को सहूलियत हो सके।

प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि सप्ताह में कम से कम दो दिवस बीसी सखियां सम्बन्धित ग्राम पंचायत में अवश्य उपलब्ध रहें। बैंक सखियों की सम्बन्धित ग्राम पंचायतों में निर्धारित दिवस उपस्थिति का प्रचार-प्रसार भी वाल पेंटिंग के माध्यम से किया गया है, साथ ही ग्राम पंचायतों में स्व-सहायता समूहों की बैठक तथा सार्वजनिक कार्यक्रम इत्यादि में उक्त जानकारी दी जाती है। जिससे ग्रामीणों और हितग्राहियों को इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी रह सके।

बैंक सखी बनने मिला प्रोत्साहन- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सामूहिक गतिविधियों के संचालन को प्रोत्साहित किया जाता है। इसके माध्यम से महिलाओं को स्व-सहायता समूह गठित करने सहित नियमित बैठक, बचत, आपसी लेनदेन, बैंक की सहायता इत्यादि के साथ ही आर्थिक गतिविधियों के जरिये आय संवृद्धि को बढ़ावा दिया जाता है। एनआरएलएम से स्व-सहायता समूह की ईच्छुक महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं एवं बैंक की सहायता की जानकारी के साथ ही बैंक सखी का प्रशिक्षण भी जिला एवं ब्लॉक स्तर पर प्रदान किया जाता है।

कोड़ेनार की विनीता ने बताया कि वह स्नातक की पढ़ाई कर चुकी हैं, लेकिन कोई रोजगार नहीं होने से गांव की दीदियों के साथ महिला समूह गठित किया। स्व-सहायता समूह से जुड़े रहने के फलस्वरूप बैंक सखी की सेवाएं देने प्रेरित हुई। इसी तरह हर्राकोड़ेर की संतोषी ठाकुर को कलेक्टर विजय दयाराम ने उक्त दूरस्थ इलाके के भ्रमण के दौरान बैंक सखी की सेवा देने प्रोत्साहित किए, तो संतोषी तुरंत तैयार हो गई। संतोषी भी पहले से एनआरएलएम से जुड़ी हुई है, संतोषी को एनआरएलएम के द्वारा बैंक सखी का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। अब संतोषी इस सुदूर इलाके में ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाएं दे रही है।जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को सुलभ करवाने में महत्ती भूमिका निभाने वाली बैंक सखियां घर-परिवार के कार्यों के साथ ही हर महीने 07 से 08 हजार रुपए आय अर्जित कर रही हैं। जिससे वे परिवार की देखभाल में सहायक साबित हो रही हैं।

बास्तानार ब्लॉक के कोड़ेनार में 02 साल से बैंक सखी की सेवा दे रही विनीता कोमरा बताती हैं कि वह प्रत्येक माह 15 से 16 लाख रुपये का लेनदेन कर लेती है, जिससे बैंक 06 से 07 हजार रुपए कमीशन प्रदान करती है। विनीता बैंक सखी के साथ लोक सेवा केन्द्र संचालन भी करती है और 05 से 07 हजार रुपये कमा लेती है।

इसी तरह लोहंडीगुड़ा विकासखण्ड के सुदूर इलाके हर्राकोड़ेर की बैंक सखी संतोषी ठाकुर इस क्षेत्र में पेंशन, मनरेगा मजदूरी भुगतान कर ग्रामीणों के लिए मददगार साबित हो रही हैं। तोकापाल ब्लॉक के डोंगरीगुड़ा की बैंक सखी ललिता बघेल बताती हैं कि वह 2019 से बैंक सखी की सेवाएं देकर प्रत्येक माह 07 से 08 लाख रुपये का लेनदेन करती हैं। जिससे बैंक द्वारा हर महीने 03 से 04 हजार रुपये कमीशन प्रदान किया जा रहा है। ललिता स्व-सहायता समूह से भी जुड़ी है और साग-सब्जी उत्पादन एवं विक्रय के माध्यम से अपने समूह की दीदियों के साथ ही स्वयं के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बना चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे/केशव

   

सम्बंधित खबर