हम अपने तीर्थस्थलों पर सूफी आध्यात्मिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने में सफल रहे हैं : दरख्शां

जम्मू, 7 मई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. सैयद दरख्शां अंद्राबी ने मंगलवार को अपने आधिकारिक दौरे पर नौशेरा और राजौरी का दौरा किया। उन्होंने नौशेरा और राजौरी में कई वक्फ परिसरों का दौरा किया और चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया और आने वाले दिनों में बोर्ड द्वारा किए जाने वाले आवश्यक कार्यों का भी जायजा लिया। डॉ. अंद्राबी के साथ वरिष्ठ वक्फ अधिकारी और राजौरी के प्रशासक अब्दुल कयूम मीर भी थे।

डॉ. अंद्राबी ने राजौरी जिले से संबंधित बोर्ड की भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। इससे पहले अंद्राबी उन्होंने कई सार्वजनिक प्रतिनिधिमंडलों से भी मुलाकात की और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से बातचीत की। डॉ दरख्शां ने बाद में राजौरी में मीडिया से भी बात की और कहा कि जम्मू-कश्मीर अब एक परिवर्तित क्षेत्र है क्योंकि 2019 के बाद केंद्र शासित प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति में चमत्कारिक रूप से सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि पूरा जम्मू-कश्मीर अब विकास और प्रगति के बारे में बात करता है। दिन-प्रतिदिन बंद की कॉल, पथराव की घटनाएं, हिंसा और भय अब खत्म हो गया है। हमने विनाश के युग से विकास और शांति तक की यात्रा की है। उन्होंने अलगाववाद और हिंसा का समर्थन करने वाले वंशवादियों पर कड़ा कटाक्ष करते हुए कहा कि वे खून बहते जम्मू-कश्मीर को वापस चाहते हैं और उनकी बात सुनकर कोई भी आसानी से उनके भयावह राजनीतिक एजेंडे को समझ सकता है। डॉ. अंद्राबी ने कहा कि अन्य सभी क्षेत्रों की तरह, जम्मू-कश्मीर में वक्फ बोर्ड ने वक्फ प्रबंधन प्रणाली को सुव्यवस्थित करने और इसे जीवंत और पारदर्शी बनाने में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। यह बोर्ड पूरे यूटी में सूफी आध्यात्मिक केंद्रों को पुनर्जीवित करने में सफल रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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