लोस चुनाव : शाहजहांपुर में सबसे बड़ी जीत भाजपा-सबसे छोटी हार कांग्रेस की

लखनऊ, 08 मई (हि.स.)। शाहजहांपुर संसदीय सीट 1962 में अस्त्तित्व में आई। किसी जमाने में यह सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करती थी। इसी सीट पर कांग्रेस ने 7 बार जीत का परचम फहराया है। हालांकि इस सीट पर सबसे छोटी जीत का रिकार्ड भी कांग्रेस के ही नाम दर्ज है। वहीं सबसे बड़ी जीत भाजपा के खाते में है। बता दें, शाहजहांपुर संसदीय सीट पर अब तक 1 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से सिर्फ तीन ही सांसद जीतकर दिल्ली पहुंचे हैं।

3082 वोटों से जीते थे प्रेम कृष्ण खन्ना

शाहजहांपुर सीट पर 1962 में हुए पहले संसदीय चुनाव में निर्दलीय लखनदास को कामयाबी मिली। 1967 के आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रेम कृष्ण खन्ना ने पार्टी को पहली जीत दिलाई। प्रेम कृष्ण खन्ना को 40,031 (16.71%) वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी एम0एस0 खान के हिस्से में 36,984 (14.75%) वोट आए। प्रेम कृष्ण खन्ना 3082 वोटों के अंतर से जीतकर दिल्ली पहुंचे। इस चुनाव में शाहजहांपुर सीट पर 12 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें 6 निर्दलीय थे। कुल 239,546 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। प्रेम कृष्ण खन्ना को मिली ये जीत अब तक शाहजहांपुर सीट के संसदीय इतिहास में सबसे छोटी जीत के तौर पर दर्ज है।

6259 वोटों से जीते कुंवर जतिन प्रसाद

शाहजहांपुर संसदीय सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर जितेन्द्र प्रसाद ने चार बार जीत दर्ज की। 1980 के आम चुनाव में कुंवर जितेन्द्र प्रसाद ने जनता पार्टी सेक्यूलर के सत्यपाल सिंह को 6259 वोटों के अंतर से परास्त किया। वहीं 1989 के आम चुनाव में जनता दल प्रत्याशी सत्यपाल सिंह ने कांग्रेस के कुंवर जितेन्द्र प्रसाद को 9438 मतों के अंतर से हराया। 1996 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राम मूर्ति सिंह 6903 मतों के अंतर से समाजवादी पार्टी के सत्यपाल सिंह को हराकर जीते थे।

सबसे बड़ी जीत भाजपा के खाते में

शाहजहांपुर संसदीय सीट पर अब तक हुए कुल 15 चुनाव में 3 बार यहां भाजपा का कमल खिला है। 1998 के आम चुनाव पहली बार भाजपा ने सीट पर जीत का परचम फहराया था। भाजपा प्रत्याशी सत्यपाल सिंह ने 22,685 वोटों के अंतर से समाजवादी पार्टी के राम मूर्ति सिंह को धूल चटाई थी। 2014 में भाजपा उम्मीदवार कृष्णा राज ने 2 लाख 35 हजार 529 मतों के अंतर से बसपा उम्मीदवार उमेद सिंह कश्यप को परास्त किया था।

बात सबसे बड़ी जीत की कि जाए तो, 2019 के आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अरुण कुमार सागर के खाते में 688,990 (58.04%) मत आए। दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी अमर चंद जौहार को 420,572 (35.43%) वोट मिले। इस तरह भाजपा प्रत्याशी ने 2 लाख 68 हजार 418 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। कांग्रेस प्रत्याशी 35,283 (2.97%) वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहा। शाहजहांपुर संसदीय सीट के इतिहास में अब तक की ये सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल प्रत्याशी सुरेन्द्र विक्रम 155,424 वोटों के अंतर से जीते थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ/मोहित

   

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