इविवि : प्रताप गोपेन्द्र की पुस्तक में आजाद के अनछुए पहलुओं पर परिचर्चा

प्रयागराज, 08 मई (हि.स.)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग में प्रताप गोपेंद्र की पुस्तक “चंद्रशेखर आजाद : मिथक बनाम यथार्थ” पर परिचर्चा आयोजित की गई। यह पुस्तक 2023 में लोक भारती द्वारा प्रकाशित हुई है। इसमें लेखक ने दुर्लभ तथा अनदेखे दस्तावेजों के आधार पर अमर शहीद चंद्रशेखर के जीवन, योगदान एवं शहादत के अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला है।

इविवि हिन्दी विभाग के प्रोफेसर संतोष भदौरिया ने पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आंदोलन के नायकों के बीच वैचारिक मतभेद थे, पर सबका लक्ष्य एक ही था और यह पुस्तक क्रांतिकारियों के राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान पर नया अध्याय जोड़ती है।

राजनीति शास्त्र विभाग की प्रो. अनुराधा अग्रवाल ने कहा कि यह पुस्तक सरकारी इतिहास लेखन से इतर एक वस्तुनिष्ठ, तथ्यपरक तथा शोधपरक कृति है। जिसमें आजाद के सामाजिक विचारों को समाहित किया गया है। इन विचारों को जानकर पता चला कि वह महिलाओं को राष्ट्रीय क्रांतिकारी आंदोलन में सक्रिय रूप से भागीदारी देने के हितैषी थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो.आलोक प्रसाद ने कहा कि आजाद के विराट व्यक्तित्व के अनुरूप अभी तक कोई वृहद एवं गहन अध्ययन नहीं हुआ था। पर अब यह कमी पूरी हो गई है। वस्तुतः इस पुस्तक के पश्चात अब इतनी प्रमाणिक सामग्री इकट्ठा हो गई है कि आजाद पर एक बायोपिक बन सकती है।

इविवि की पीआरओ डॉ जया कपूर ने बताया कि लेखक प्रताप गोपेंद्र ने सभी आलोचकों को सुनने के बाद आजाद के जीवन पर पुस्तक में विभिन्न रोचक प्रकरणों को बताया। मंच का संचालन डॉ संतोष कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ पी.एस. हरीश ने किया।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अध्यापक डॉ सरोज यादव, डॉ नीना शुक्ला, डॉ आनन्द प्रताप चंद्र, डॉ चंद्रभान यादव, डॉ कुलदीप मिश्र, डॉ खुशवंत सिंह, डॉ संतोष कुमार, डॉ अखिल कुमार गुप्ता, डॉ ऋतंभरा मालवीय, डॉ दीनानाथ मौर्य और विभाग के शोध छात्र तथा सम्बंधित कॉलेजों से कई शोध छात्र, परास्नातक और स्नातक छात्र उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित

   

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