उत्तर कोलकाता में तृणमूल और भाजपा की जंग में टकराएंगे टीएमसी के ही दो पुराने दिग्गज

कोलकाता, 10 मई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 2024 का लोकसभा चुनाव सत्ता परिवर्तन के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है। खासकर राजधानी कोलकाता में। यहां की उत्तर कोलकाता लोकसभा सीट अपने आप में दिलचस्प है क्योंकि यहां लड़ाई तो सीधे तौर पर भाजपा और तृणमूल में होनी है लेकिन जो दो दिग्गज टकराएंगे वे दोनों ही तृणमूल के बड़े नेता रह चुके हैं। पश्चिम बंगाल में प्रतिष्ठित कोलकाता उत्तर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सुदीप बं। बंद्योपाध्याय । जबकि तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए तापस रॉय के साथ उनका मुकाबला है।

तीन बार सांसद रहे सुदीप बंद्योपाध्याय के सामने मुख्य चुनौती चार बार विधायक रहे एवं तृणमूल के पूर्व नेता तापस रॉय की होगी। रॉय हाल में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

बंद्योपाध्याय तृणमूल के पुराने नेताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विश्वासपात्र हैं।

तृणमूल कांग्रेस और भाजपा इस निर्वाचन क्षेत्र में वर्चस्व के लिए लड़ रही हैं, वहीं वाम-कांग्रेस गठबंधन ने भी पूर्व सांसद प्रदीप भट्टाचार्य को यहां से मैदान में उतारकर मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है।

तृणमूल कांग्रेस की 1998 में स्थापना के बाद से कोलकाता उत्तर सीट पारंपरिक रूप से पार्टी का गढ़ रही है। यह सीट न केवल पार्टी के लिए, बल्कि राज्य के सत्ता गलियारों से इसी निकटता के कारण उम्मीदवारों के लिए भी अत्यधिक राजनीतिक महत्व रखती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि शायद इसीलिए पार्टी के भीतर आई दरारों के कारण इस सीट पर पैदा हो रही चुनौती विपक्ष की अन्य चुनौतियों की तुलना में सुदीप को अधिक चिंतित कर सकती है।

राजनीतिक विश्लेषक विश्वनाथ चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘कोलकाता उत्तर तृणमूल कांग्रेस का गढ़ हो सकता है लेकिन इस बार यह पार्टी के भीतर कलह का उदाहरण बनकर उभरा है। अगर आपको इस सीट पर कोई बड़ा उलटफेर देखने को मिले तो आश्चर्यचकित न हों।’’

हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

   

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