लखनऊ का बुलंद नारा 'दो बातें न जाना भूल, अटल बिहारी और कमल का फूल'

लखनऊ, 15 मई (हि.स.)। लखनऊ लोकसभा क्षेत्र में गली गली प्रचार कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को दो दशक पहले के बुजुर्ग एवं पुराने समर्थक मिल रहे हैं। भाजपा के बुजुर्ग समर्थक मिल रहे हैं तो उनके मुंह से एक नारा जरूर निकल रहा है कि दो बातें न जाना भूल, अटल बिहारी और कमल का फूल।

लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी चुनाव लड़ते थे। यहां से जीतकर संसद जाते थे। तभी उनके प्रचार में रहने वाले चंद्रप्रकाश अग्निहोत्री बताते हैं कि वह नगर निगम के कर्मचारी थे, फिर भी समय निकाल कर अटल जी का प्रचार करते थे। आज की पीढ़ी प्रचार में निकलती है तो आजकल के नारे लगाते हैं। हमारे समय में अटल बिहारी के नाम से नारा लगता था। लेकिन हम लोग वही पुराना नारा ही लगा रहे हैं।

अग्निहोत्री ने बताया कि अटल जी चुनाव लड़ते थे तो पूरा माहौल भाजपामय रहता था। विपक्ष के लोग मुलायम, कांशीराम का नारा लगाते थे। इसकी काट में भाजपा के नेता पहली पंक्ति में कहा करते थे कि दो बातें न जाना भूल। इसके बाद दूसरी पंक्ति कार्यकर्ताओं की ओर होती थी अटल बिहारी और कमल का फूल। एक बार नेता बोलता था तो दूसरी बार में कार्यकर्ता बोलते थे। हाथों में पत्रक होते थे, जनता भी मुस्कराकर समर्थन करती थी।

भाजपा नेता संजय अवस्थी बताते हैं कि आजकल मोदी-मोदी का नारा जैसे लगता है। उसी तरह अटल जी के वक्त में दो तीन नारे लगा करते थे। नारे लगते ही कार्यकर्ताओं में जोश आ जाया करता था। उनके पिता बद्री प्रसाद जो एक बड़े भाजपा नेता रहे, वह अटल जी के साथ प्रचार में उतरा करते थे। दो बातें न जाना भूल, अटल बिहारी और कमल का फूल। ये नारा तो पूरे चुनाव में गूंजा करता था।

रामलला वाला नारा अब पूरा हो गया

सामाजिक कार्यकर्ता और भाजपा समर्थक रामप्रकाश कहते हैं कि अटल जी के दौरान अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने की मांग रही। नौजवान नारे लगाते थे कि रामलला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनायेंगे। अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने के संकल्प को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जनता के धनबल से पूरा कर दिया गया है। अब नारा होना चाहिए कि अयोध्या तो झांकी है, काशी मथुरा बाकी है।

हिन्दुस्थान समाचार/शरद/दिलीप

   

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