हेली कंपनियों के खिलाफ आक्रोश, उक्रांद नेता ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

रुद्रप्रयाग, 17 मई (हि.स.)। जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी और उत्तराखंड क्रांति दल के नेता मोहित डिमरी ने केदारनाथ में अनियोजित और मनमाने तरीके से उड़ान भर रही हेली कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजते हुए एक सप्ताह के भीतर व्यवस्थाएं न सुधरने पर हेली कंपनियों की सेवाओं को बंद करने की चेतावनी दी है।

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा में यात्रियों को हवाई सेवा दे रही कंपनियों की मनमानी चल रही है। पूर्व में हुए हादसों के बावजूद सुरक्षा के कोई इंतजामात नहीं हैं। इन हवाई कंपनियों को न श्रद्धालुओं की सुविधाओं की परवाह है न उनकी जान की। हवाई सेवाओं के कुप्रबंधन ने केदारधाम की यात्रा को न सिर्फ परेशानियों से भरा बल्कि बेहद असुरक्षित बना दिया है। कंपनियों की व्यावसायिक भूख इस कदर बढ़ रही है कि उन्हें सिर्फ कमाई की फिक्र है, सुविधाओं की नहीं।

उन्होंने कहा कि केदारनाथ के लिए गुप्तकाशी, फाटा, शेरसी सहित अन्य स्थानों से एविएशन कंपनियां हेली सेवा दे रही हैं। इन सभी कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए रूट निर्धारित हैं। अधिकतर हेलीकॉप्टर ईंधन और समय बचाने के लिए ऊंचाई मेंटेन नहीं करते और गौरीकुंड-केदारनाथ के बीच संकरी घाटी के बीचों-बीच से होकर गुजरते हैं। रामबाड़ा के ऊपर गरुड़चट्टी-केदारनाथ के बीच घाटी से तेजी से धुंध ऊपर के लिए उठती है और अचानक जीरो विजिबिलिटी हो जाती है। थोड़ी सी दूरी पर भी कुछ नहीं दिखाई देता है। इस तरह का मौसम यहां अक्सर बना रहता है। किसी समय तेज बारिश, किसी समय बर्फबारी तो कभी अचानक धुंध उठने लगती है। इसके चलते पूर्व में कई घटनाएं हो गई हैं। हेलीकॉप्टरों की ऊंचाई मेंटेन न होने का असर केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण्य पर भी देखने को मिल रहा है। केदारनाथ वन प्रभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक हेलीकॉप्टर सेवाओं से दुर्लभ जीव-जंतुओं की प्रजनन क्षमता खत्म हो रही है। केदारनाथ जैसे अंतिसंवेदनशील क्षेत्रों में लगातार हेलीकॉप्टर का उड़ना गंभीर पर्यावरणीय संकट का कारण बन रहा है।

उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता और केंद्रीय मीडिया प्रभारी मोहित डिमरी ने कहा कि पिछले वर्ष हुए हादसे के बाद सरकार ने हेली सेवाओं के संचालन की निगरानी के लिए एक हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली शुरू करने की बात कही थी। इस पर भी अभी तक कोई काम नहीं हुआ है। केदारनाथ में हवा की दिशा और दबाव की जानकरी के लिए अभी तक एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी रूम भी स्थापित नहीं किया गया है। एटीसी को लेकर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) कभी संवेदनशील नहीं रहा।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/सत्यवान/दधिबल

   

सम्बंधित खबर