सीएम योगी की यूपी की 80 में 80 सीटें हासिल करने की फूलप्रूफ रणनीति

-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तय रणनीति के तहत अपनी रैलियों में विपक्ष को बनाया निशाना

लखनऊ, 30 मई (हि.स.)। हर कोई मानता है कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है। यदि उत्तर प्रदेश जीत लिया तो केंद्र की सत्ता के शिखर पर पहुंचना मुश्किल नहीं। बीते दो बार से नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन के बल पर ही सरकार बनाने में सफल रहे हैं और लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनाने के लिए फिर एक बार उत्तर प्रदेश जीतना महत्वपूर्ण है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 80 में 80 सीटें जीतने का संकल्प लिया है।

इस संकल्प की प्राप्ति के लिए रणनीति बनाकर उस पर अमल भी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश और प्रदेश के बाहर अपनी रैलियों में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियों के बखान के साथ ही विपक्ष पर 5 प्रमुख मुद्दों को लेकर लगातार हमला किया। ये पांचों मुद्दे सीधे जनता की आस्था, संस्कृति, उसके विकास और भविष्य से जुड़े हैं जिसे लेकर सीएम योगी हर चरण में उन्हें जागरूक करते आए।

राम मंदिर को बनाया बड़ा मुद्दा

सीएम योगी अपनी रैलियों में राम मंदिर का भरपूर जिक्र कर रहे हैं। वह कहते हैं कि यह चुनाव राम भक्तों और राम द्रोहियों के बीच है। सीएम के इस वक्तव्य में वो राम भक्त उन्हें कहकर संबोधित करते हैं जिन्होंने खुद और उनके पूर्वजों ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सपना देखा, जिन्होंने सपा सरकार के दौर में राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया और अपने सीने में गोली खाई। वहीं रामद्रोही वो जिन्होंने गोलियां चलाईं, राम मंदिर के निर्माण में रोड़े अटकाए और सुप्रीम कोर्ट में फैसले में देरी के लिए तरह-तरह की दलील दी। प्रदेश ही नहीं, देश भर में राम मंदिर बहुसंख्यक समाज के लिए एक ऐसा मुद्दा रहा है, जो उसकी आस्था और संस्कृति से जुड़ा हुआ है। जब सीएम योगी इसका जिक्र करते हैं तो लोग सीधे इससे जुड़ाव महसूस करते हैं।

गोमांस पर खोली विपक्ष की कलई

गौहत्या और गोमांस के सेवन को लेकर भी सीएम योगी विपक्ष पर हमला कर रहे हैं। इसके पीछे कांग्रेस का मैनिफेस्टो सबसे बड़ी वजह है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों को उनके मन के खानपान की आजादी देने की बात कही है। योगी का आरोप है कि इसके माध्यम से कांग्रेस अल्पसंख्यकों को गौहत्या और गोमांस खाने की आजादी देने का वादा कर रही है जो बहुसंख्यक समाज की आस्था के खिलाफ है। बहुसंख्यक समाज में गाय की पूजा की जाती है। उसे कामधेनू का रूप माना जाता है। उसकी हत्या और गौमांस खाना निषेध है। बहुसंख्यक समाज की इसी आस्था को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने 2020 में गोकशी कानून को और सख्त बना दिया था, जिसके तहत 10 साल तक की जेल और दोबारा दोषी पाए जाने पर दोगुनी सजा का प्राविधान किया गया है। ऐसे में इस मुद्दे पर सीएम योगी के आरोपों को लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

पाकिस्तान को लेकर किया एक्सपोज

पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने जब राहुल गांधी की प्रशंसा की तब सीएम योगी ने पहली बार चुनावों में पाकिस्तान को लेकर चर्चा शुरू की। उसके बाद कांग्रेसी नेताओं द्वारा एटम बम की बात की गई तब भी सीएम योगी ने कांग्रेस और विपक्ष को आड़े हाथ लिया। विपक्ष के पाकिस्तान प्रेम को लेकर योगी के वक्तव्य से विपक्ष बुरी तरह तिलमिला गया। वहीं जनता के बीच भी विपक्ष और पाकिस्तान के बीच का रिश्ता डिसक्लोज हो गया। पाकिस्तान की ओर से जिस तरह से लगातार भारत के खिलाफ आतंकी साजिश की जाती रही है,उसको देखते हुए पूरे देश में पाकिस्तान को लेकर जबर्दस्त रोष है। मोदी सरकार ने जब इन्हीं आतंकी हरकतों के जवाब में पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की तो जनता का भरपूर समर्थन मिला। यही समर्थन योगी आदित्यनाथ के वक्तव्यों पर भी मिल रहा है।

आरक्षण के मुद्दे पर भी घेरा

एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को लेकर भी सीएम योगी अपनी रैलियों में विपक्ष के एजेंडे का खुलासा कर रहे हैं। पीएम मोदी की तर्ज पर बेहद सरल भाषा में वो बता रहे हैं कि कांग्रेस किस तरह इन जातियों के आरक्षण में कटौती करके उसे एक धर्म के लोगों को देने का कुत्सित प्रयास कर रही है। इसके साथ ही सीएम योगी रैलियों में कांग्रेस द्वारा विरासत टैक्स लाने का आरोप लगा रहे हैं। अपने बयानों में सीएम योगी ने कांग्रेस और विपक्ष पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए उसे बहुसंख्यक विरोधी और एससी, एसटी और ओबीसी विरोधी करार दिया है। सीएम योगी ने विपक्ष पर पर्सनल लॉ लागू करने का वादा करने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि देश संविधान से चलेगा न कि शरीयत से। इस आरोप ने विपक्षी दलों को बड़ा डेंट दिया है और वे इसका जवाब तक नहीं तलाश पा रहे हैं।

परिवारवाद पर साधा निशाना

सीएम योगी विपक्ष पर परिवारवादी होने का आरोप लगाकर हमला करने से भी नहीं चूक रहे। प्रदेश में जहां वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को परिवारवाद के मुद्दे पर घेरते हैं तो वहीं कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी और बिहार में तेजस्वी यादव पर भी इसी मुद्दे पर हमला कर रहे हैं। यही नहीं, सीएम योगी ने इन परिवारवादी लोगों के सत्ता में रहते प्रदेश और देश में भ्रष्टाचार का भी जिक्र करते हैं। उनका कहना है कि जब ये परिवारवादी लोग सत्ता में रहे तब इन लोगों ने प्रदेश की कोई फिक्र नहीं की। इनकी सारी प्राथमिकताएं अपने भले के लिए रही हैं। सीएम योगी के इस आरोप से जनता भी स्वाभाविक रूप से जुड़ती नजर आती है।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/राजेश

   

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