लोस चुनाव : उप्र सातवें चरण में वोटर्स के मन की बात, इंडी गठबंधन पर भारी एनडीए

लखनऊ, 31 मई (हि.स.)। लोकसभा चुनाव 2024 का अंतिम चरण करीब यानी 01 जनू को है। जहां शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बात हो रही है तो वहीं स्थानीय मुद्दों की भी गूंज सुनाई दे रही है। पश्चिमी यूपी से शुरू हुआ लोकसभा चुनाव अब पूर्वांचल में जाकर समाप्त होने जा रहा है। पूर्वांचल की 26 में से 13 सीट पर पहले ही चुनाव हो चुके हैं जबकि 13 सीटों पर 7वें चरण में एक जून को वोट डाले जाएंगे। यहां चुनावी बयार किस ओर जा रही है यह जानने के लिए मतदाताओं के मन को टटोलने की कोशिश की गई। प्रस्तुत है विशेष रिपोर्ट-

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में पिछले दस साल में हुआ विकास खुद ब खुद बोलता है। काशीवासी प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते दिखाई देते हैं। स्थानीय स्तर पर कई समस्याएं और परेशानियां भी जमीन पर दिखती हैं। हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि पीएम मोदी कोई कार्य अधूरा नहीं छोड़ेगे। वहीं स्थानीय कलाकार और बुनकरों की कुछ मांगे हैं। युवाओं में अग्निवीर योजना को लेकर नाराजगी तो है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि अपने तीसरे कार्यकाल में सरकार अग्निवीर योजना में कुछ न कुछ बदलाव जरूर करेगी। स्थानीय निवासी वीरेन्द्र राय कहते हैं, मोदी योगी ने हम लोगों की उम्मीदों से बढ़कर विकास कार्य करवाए हैं। मतदान किस आधार पर करेंगे, इसका जवाब था काशीवासी पीएम मोदी को इस बार पिछली बार से बड़ी जीत का उपहार देंगे।

सीएम सिटी गोरखपुर में डबल इंजन की सरकार के कार्य साफ तौर पर दिखाई देते हैं। आवास कालोनी के निवासी रूपेश श्रीवास्तव कहते हैं, योगी बाबा ने प्रदेश के साथ गोरखपुर की भी सूरत बदल दी है। एन्सेफ़ेलाइटिस की रोकथाम के लिए योगी सरकार ने जिस तरह काम किया है, वो काबिले तारीफ है। वहीं बाबा की सख्ती की वजह से गोरखपुर वासी भयमुक्त जीवन जी रहे हैं। रूपेश का मानना है कि गोरखपुर में फिल्म सिटी से रोजगार तो बढ़ेगा, हालांकि रोजगार की दिशा में और प्रयास किये जाने की जरूरत है।

महाराजगंज संसदीय सीट से भाजपा ने मोदी सरकार के वित्त मंत्री पंकज चौधरी को मैदान में उतारा है। महाराजगंज के बरवा उर्फ सियरहीभार के कौसर अली स्वीकारते हैं कि सबसे ज्यादा काम इसी सरकार में हुआ है। सरकार से योजनाएं आ रही हैं और उनमें किसी के साथ भेदभाव नहीं हैं। वोट उसी को देना लाजिमी है, जिसने काम किया है। यहीं के रहने वाले छात्र रजाउल मुस्तफा व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं। दिल्ली की तरह बिजली मुफ्त में मांगते हैं। अब्दुल रहमान खान को इस बात की पीड़ा है कि प्राइवेट स्कूलों में बेहतर शिक्षा दी जा रही है, लेकिन गरीब का बच्चा वहां पढ़ नहीं सकता।सरकारी स्कूलों में भी प्राइवेट की तरह गुणवत्ता पूर्ण पढ़ाई की व्यवस्था होनी चाहिए। प्राइवेट स्कूलों में फीस नियंत्रित होनी चाहिए।

देवरिया के रामपुर कारखाना विधानसभा क्षेत्र में आने वाला डुमरी चौराहे पर बालू शाही, पकौड़ी और चाय के लिए मशहूर चौराहे की एक पुरानी दुकान पर चुनावी चर्चा दिलचस्प मोड़ पर है। डुमरी गांव के बृजेश यादव का कहना है कि इस बार भाजपा को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलेगी। वहीं राम बालक मौर्य और मनमोहन तिवारी भाजपा की एकतरफा जीत को लेकर आश्वस्त हैं। दोनों पक्ष दलित मतदाताओं का समर्थन अपने साथ होने का दावा ठोंकते हुए दलित मतदाताओं की निर्णायक भूमिका को स्वीकार करते हैं, क्योंकि बाकी जातियां पहले से गोलबंद हैं।

घोसी सीट पिछली बार भाजपा बसपा के हाथों हार गई थी। इस चुनाव में यह सीट एनडीए के सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के खाते में है। स्थानीय निवासी रामनरेश बताते हैं- वृद्धा पेंशन समय से मिल जाता है। सरकार का काम ठीक है। सड़क का काम खूब हुआ है। बिजली भी ठीक आ रही है। मतदान किस अधार पर करेंगे, इसका जवाब था-देश हमार स्वतंत्र रहे, वोही के आधार पर वोट दीहल जाला।

कुशीनगर के शकील अहमद कहते हैं-यहां तो बीजेपी की ज्यादा उम्मीद है। अल्पसंख्यक की मन:स्थिति के सवाल पर बताते हैं-इस चुनाव में भाजपा के प्रति मुस्लिमों का नजरिया बदला है। सरकार जो काम कर रही है वह अच्छा है। यह भ्रम फैलाया गया था कि भाजपा मुस्लिमों के खिलाफ है। प्रधानमंत्री आवास का लाभ सभी वर्ग के गरीबों को मिल रहा है। लेकिन, मुफ्त राशन को शकील अहमद गलत मानते हैं। कहते हैं कि बहुत जरूरी है तो निहायत जरूरतमंदों को ही मुफ्त में राशन मिलना चाहिए।

बांसगावं संसदीय सीट की बात करें तो इस सीट पर भाजपा की मजबूत पकड़ है। इस बार सपा-कांग्रेस के गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के खाते में है। बांसगांव के स्थानीय युवा राकेश श्रीवास्तव बताते हैं कि उन्होंने व्यवसाय प्रबंधन की पढ़ाई की है, और बिजनेस चलाते हैं। कहते हैं-इस बार पंजे का शोर तो है, लेकिन भाजपा के लिए कोई मुसीबत नहीं है। बकौल राकेश डबल इंजन की सरकार और खासकर राम मंदिर ने चुनावी माहौल बदल दिया है।

सातवें चरण की शेष सीटों सलेमपुर, गाजीपुर, चंदौली, मीरजापुर और राबर्टसगंज में भी कमोबेश लोगों का यही मानना है कि डबल इंजन की सरकार ने विकास कार्य करवाए हैं, वहीं जरूरतमंदों को भी बिना किसी भेदभाव के कल्याण्कारी योजनाओं का फायदा मिला है। युवाओं में अग्निवीर योजना को लेकर हल्की नाराजगी है तो वहीं पेंशनधारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करते दिखाई देते हैं। 13 संसदीय सीटों के वोटरों से बातचीत में एक बात समान रूप सबने कही की योगी सरकार ने गुण्डा माफियाओं पर नकेल कसकर सराहनीय काम किया है। इससे आम आदमी और खासकर महिलाओं को बड़ी राहत पहुंची है। डबल इंजन की सरकार को लोग पूरे नंबर देने में गुरेज नहीं करते।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ.आशीष वशिष्ठ/राजेश

   

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