'सरकार जनता के द्वार' की भावना साकार करेगा पायलट प्रोजेक्ट, मुख्यमंत्री बोले- सभी विभागीय वेबसाइट हों अपडेट

- सूचना क्रांति के इस दौर में ऑनलाइन सुविधाओं के साथ डाटा सिक्योरिटी का रखें ध्यान

- पीएम गतिशक्ति उत्तराखंड के तहत योजनाओं का हो त्वरित क्रियान्वयन, बनाएं केपीआई

देहरादून, 01 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में सूचना प्रौद्योगिकी एवं गुड गवर्नेंस की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि उनकी विभागीय वेबसाइट अपडेट हों।

बैठक में जानकारी दी गई कि अपुणि सरकार पोर्टल के माध्यम से 886 सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से दी जा रही हैं। ऑनलाइन माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं में प्राप्त आवेदनों पर समयबद्धता के साथ 93 प्रतिशत निस्तारण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसे शत-प्रतिशत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ‘सरकार जनता के द्वार’ की भावना को साकार करने के लिए अधिकांश जनसुविधाएं लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। देहरादून में विभिन्न प्रमाण पत्र लोगों के घरों तक उपलब्ध कराने के लिए चलाए गए पायलट प्रोजेक्ट के तहत डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम के सफल प्रयोग के बाद इसे प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों तक ले जाने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना क्रांति के इस दौर में ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ डाटा सिक्योरिटी का भी विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली धनराशि का वितरण डीबीटी के माध्यम से हो। उन्होंने निर्देश दिए कि पीएम गतिशक्ति उत्तराखंड के तहत योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन हो। इसके लिए संबंधित प्रस्तावों पर निर्धारित बिंदुओं के अनुसार कार्यवाही की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि ई-ऑफिस प्रणाली के तहत 89 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीएम डैशबोर्ड प्रक्रिया के तहत सभी विभाग एक माह के अंदर की-परफाॅर्मेंस इंडिकेटर (केपीआई) बनाना सुनिश्चित करें।

सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 2026 तक 10 हजार से अधिक युवा होंगे प्रशिक्षित

सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कौशल विकास के अंतर्गत विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में 2026 तक 10 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत नौ कोर्स शामिल किए गए हैं। ये सभी कोर्स राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईवीटी) से संबद्ध हैं जबकि आईटीडीए-सीएससी के तहत 60 हजार से अधिक छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें 25 प्रकार के कोर्स शामिल रहे हैं।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, अपर सचिव विजय जोगदंडे, आईटीडीए निदेशक नीतिका खंडेलवाल आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/दधिबल

   

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