25 जनवरी को होगा ड्रोन से दवा डिलवरी का पहला ट्रायल

हल्द्वानी, 07 जनवरी (हि.स.)। कुमाऊं में आपात स्थित व दुर्गम क्षेत्रों के मरीजों तक ड्रोन से दवा पहुंचाने में नमो ड्रोन दीदी अहम भूमिका निभाएंगी। इसका पहला ट्रायल 25 जनवरी को हल्द्वानी मेडिकल कालेज से होने वाला है।

नमो ड्रोन दीदी ड्रोन से सामग्री उतारना और उस पर सामग्री चढ़ाने का करेंगी। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार दीदी को प्रशिक्षण देगा। इसके बाद ड्रोन की कमान हर दीदी के हाथ में होगी।

उत्तराखंड के ऋषिकेश एम्स में ड्रोन डिलवरी प्रोजेक्ट के सफल परीक्षण के बाद अब हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी इसका परीक्षण होने जा रहा है, जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही है।

कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि ड्रोन को चलाने के लिए 2-3 महिलाओं को परीक्षण दिया जाएगा। इन महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी का नाम दिया गया है। ड्रोन से जहां दवाइयां भेजी जाएगी वहां दीदी ड्रोन से सामग्री उतारना और उस पर सामग्री चढ़ाने का कार्य करेंगी। इसके लिए दीदियों के चयन की प्रक्रिया चल रही है।

मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि ड्रोन की भार क्षमता लगभग 5 किलो तक होगी। ड्रोन और उसे संचालित करने वाली दीदियों का सारा खर्च एनएचएम से मिलेगा। शुरूआत में ड्रोन को ट्रायल के तौर पर डेली चार्ज पर लिया जाएगा, जिसका प्रत्येक डिलीवरी पर भुगतान होगा। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से 25 जनवरी को ड्रोन दवा लेकर उड़ान भरेगा। ड्रोन उड़ान भरेगा और दवा लेकर कोटाबाग सीएचसी जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/अनुपम गुप्ता/रामानुज

   

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