डीलिस्टिंग के नाम पर आदिवासियों को बांटने की साजिश कर रही है भाजपा : बंधु तिर्की

खूंटी, 7 जनवरी (हि.स.)। आगामी लोकसभा चुनाव एवं उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आरएसएस एवं भाजपा के लोग वोटों के ध्रुवीकरण के प्रयास में जुट गए हैं। साथ ही डीलिस्टिंग के नाम पर आदिवासियों को बांटने की साजिश करने लगे हैं। ये बातें पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने कही। तिर्की रविवार को स्थानीय डाक बंगला में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इसी साजिश के तहत पिछले दिनों रांची में जनजातीय सुरक्षा मंच के बैनर तले सभा का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि डीलिस्टिंग के नाम पर सिर्फ ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों को जिस प्रकार टारगेट किया जा रहा है और असंवैधानिक बातें की जा रही हैं, उसे लेकर आदिवासी जनाधिकार मंच द्वारा आगामी चार फरवरी को रांची के मोरहाबादी मैदान में आदिवासी एकता महारैली का आयोजन किया गया है।

आदिवासी एकता महारैली में आदिवासियों के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और आदिवासियों की चट्टानी एकता को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डीलिस्टिंग के नाम पर आदिवासियों को बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि लूकर कमेटी को लागू करने पर कड़िया मुंडा, अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी आदि भाजपा नेता स्वयं डीलिस्टिंग में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा चाहे जितना नाक रगड़ ले झारखंड में वे कामयाब नहीं हो सकते।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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