फिल्में समाज के प्रतिबिंब की तरह: डॉ विपिन

वाराणसी, 10 जनवरी (हि.स.)। डीएवी पीजी कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम के अंतर्गत संचालित फिल्म एवं कल्चर कोर्स में बुधवार को विशिष्ट व्याख्यान हुआ।

व्याख्यान माला में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर विपिन कुमार कदावत ने कहा कि वर्तमान समाज में फिल्म और कल्चर एक दूसरे के पूरक हैं, फिल्मों के जरिये संस्कृति को संवर्धित एवं प्रचारित किया जाता है। इसका एक उद्देश्य समाज के वंचितों और शोषितों के लिए आवाज उठाना भी रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृति एक परिवर्तनशील प्रक्रिया है जिसे फिल्मों के जरिये उसे समाज के सामने लाया जाता है।

डॉ विपिन ने कहा कि फिल्में मनुष्य के मनोभावों को उद्वेलित करती हैं, इसलिए उनका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह एक प्रतिबिंब की भांति है। उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा में विषय प्रधान के साथ-साथ कल्पना आधारित, मनोविज्ञान आधारित एवं सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्मों का चलन ज्यादा रहा है।

इसके पूर्व वक्ता का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. इंद्रजीत मिश्रा, विषय स्थापना डॉ. महिमा सिंह,संचालन साकेत मिश्रा ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

   

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